*AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्रांति में भारत को ओर मजबूती से कदम बढ़ाना चाहिए। राकेश राणा*
देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फिर वही किया, जो उन्हें आता है। राहुल गांधी जी पर भाषा का संयम खो कर, अशोभनीय आक्रामकता दिखाने लगी। लेकिन आक्रामकता असफलता की झेंप तो छुपा सकती है, तथ्य नहीं बदल सकती है।
Rahul Gandhi जी ने लोक सभा में कहा कि भारत AI क्रांति में पिछड़ रहा है। उन्होंने यूँ ही नहीं कह दिया है। इसका ठोस आधार है।
2012-22 के बीच AI में जो पेटेंट दिए गए हैं, उसमें चीन अव्वल है और अमरीका दूसरे नंबर पर है। अकेले चीन के पास 93573 पेटेंट थे, जो कुल पेटेंट का 55.5 % था। अमरीका के पास 34249 पेटेंट थे।
ऐसा नहीं है कि अब भारत की स्थिति सुधर गई हो। 2024 में जो पेटेंट मिले हैं, उसका ही रिकॉर्ड देख लें। चीन और आगे पहुँच गया है और भारत कहाँ है?
2012 से 2024 के बीच भारत ने AI पेटेंट के लिए सिर्फ़ 1350 अर्जी दाखिल की हैं और भारत को इन अर्ज़ियों पर पेटेंट मिले कितने हैं? कोई नहीं जानता! क्योंकि बाक़ी डेटा की तरह, ये डेटा भी मोदी सरकार छुपा कर रखती है।
ऐसा नहीं है कि मोदी सरकार को चुनौती का पता नहीं है। ख़ुद नीति आयोग ने 2018 में रिपोर्ट दे कर चेताया था कि कुछ ही साल में 46% रोज़गार AI आधारित हो जाएँगे।
नीति आयोग ने ही बताया था कि 2030 तक चीन की GDP का 26% हिस्सा AI से आयेगा। लेकिन मोदी सरकार सोती रही है।
अब, वित्त मंत्री कह रही हैं कि उनकी सरकार Center of Excellence in AI बनाएगी।
अच्छी बात है देर आये, लेकिन क्या दुरुस्त आये? निश्चित ही नहीं। इन सेंटर के लिए मात्र ₹550 करोड़ आवंटित किए हैं।
चीन 2020 तक ही $60 बिलियन (करीब 5 लाख करोड़ रुपये) खर्च कर चुका था! 2022 में अमरीकी सरकार ने $3.3 बिलियन AI की रिसर्च पर खर्च किए थे!
अभी पिछले हफ़्ते चीन ने अगले पाँच साल में एक ट्रिलियन युआन (one trillion yuan) AI पर खर्च करने की घोषणा की है।
लेकिन वित्त मंत्री 2025 में सिर्फ़ 550 करोड़ रुपये आवंटित कर लहालोट हो रही हैं, AI क्रांति में हिस्सेदारी का भ्रम रच रही हैं।
इसीलिए राहुल गांधी जी ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया है और देश को चेताया है कि अगर AI क्रांति से भारत पूरी तरह चूक गया तो अर्थव्यवस्था, रोज़गार, राष्ट्रीय सुरक्षा सब पर संकट रहेगा।
वित्त मंत्री पूछती हैं कि कांग्रेस ने क्या किया? कांग्रेस को 1947 में एक गरीब, अनपढ़ मुल्क मिला था लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के कारण भारत में हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, IT क्रांति आई। कांग्रेस राज में ही भारत स्पेस में, न्यूक्लियर में, मेडिकल में, इंजीनियरिंग में, सर्विस सेक्टर में, बायो-टेक्नोलॉजी में, मैनेजमेंट में दुनिया का शीर्ष देश बन गया था। आज अगर देश में कांग्रेस की सरकार होती तो निश्चित ही AI क्रांति में भी भारत द्रुत गति से आगे बढ़ रहा होता। यही कांग्रेस की विरासत है, यही कांग्रेस की उपलब्धियों का रिकॉर्ड है।