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घोड़ा -खच्चर स्वामी ध्यान दें:-बिना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र (फिटनेस) के जनपद रुद्रप्रयाग सीमा में अश्ववंशीय पशुओं को किया गया है प्रतिबन्धित, केदारनाथ धाम पैदल यात्रा में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाते हैं, घोड़ा-खच्चर।

अश्ववंशीय पशुओं (घोड़ा-खच्चर) में चल रही इक्वाइन इन्फ्लेंजुआ नामक संक्रामक बीमारी।

बिना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र (फिटनेस) के जनपद रुद्रप्रयाग सीमा में अश्ववंशीय पशुओं को किया गया है प्रतिबन्धित, केदारनाथ धाम पैदल यात्रा में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाते हैं, घोड़ा-खच्चर।

केदारनाथ धाम यात्रा में बहुत सारे लोगों की आय का साधन होते हैं घोड़ा-खच्चर।

बिना फिटनेस के जनपद सीमा में ला रहे थे अश्ववंशीय पशुओं को, जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस ने ऐसे वाहन किये सीज, साथ ही बिना स्वास्थ्य परीक्षण कराये व पशु चिकित्सक द्वारा फिटनेस प्रमाण पत्र दिये बिना ऐसे अश्ववंशीय पशुओं की जनपद सीमा में प्रवेश पर लगी रहेगी रोक।

जनपद रुद्रप्रयाग सीमा में प्रवेश करने वाले घोड़ा-खच्चर संचालकों से अपील कि अपने स्वस्थ पशु को ही लायें केदारनाथ यात्रा में, आपका पशु रहेगा स्वस्थ और तन्दुरुस्त तो तभी ले पायेंगे आप उससे काम और मिल पायेगा आपको सही दाम।

बीमार व अस्वस्थ अश्ववंशीय पशुओं के सम्पर्क में आने पर और पशु भी हो सकते हैं संक्रमित।

किसी भी प्रकार से जनपद रुद्रप्रयाग में न हो अश्ववंशीय पशुओं का प्रवेश जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस के स्तर से जनपद सीमाओं में की जा रही सघन चेकिंग।

आगामी 02 मई 2025 को जनपद में स्थित श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। सामान्यतः श्री केदारनाथ धाम की यात्रा हेतु आने वाले श्रद्धालुगण पैदल, घोड़ा-खच्चर, डण्डी-कण्डी हैलीकॉप्टर इत्यादि के माध्यम से पहुंचते हैं।
श्री केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर अश्ववंश यानि घोड़ा-खच्चर का उपयोग भी न केवल श्रद्धालुओं को ले जाने अपितु सामान ढुलाई में भी होता है।

वर्तमान समय में जनपद के कुछ क्षेत्रों में घोड़े खच्चरों पर इक्वाइन इंफ्लेंजुआ का संक्रमण होना पाया गया है। यह इन पशुओं में होने वाली एक प्रकार की संक्रामक यानि तेजी से फैलने वाली श्वास सम्बन्धी बीमारी होती है।
इस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड शासन के स्तर से निर्णय लिया गया है अश्व प्रजाति के पशुओं में इक्वाइन इंफ्लेंजुआ संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही की जानी है। साथ ही बिना स्क्रीनिंग एवं फिटनेस के अश्ववंशीय पशु जनपद रुद्रप्रयाग में न भेजे जाने के निर्देश दिये गये हैं।

इस क्रम में जनपद पुलिस के स्तर से जनपद सीमाओं, बैरियर, व ऐसे स्थल जहां से जनपद में पशुओं का सम्भावित आवागमन हो सकता है, प्रभावी चेकिंग कर जनपद सीमा मेे पशु पालन विभाग से समन्वय स्थापित कर बिना फिटनेस के पहुंच रहे घोड़ा-खच्चरों को वापस भेजा जा रहा है।
इसके साथ ही जनपद क्षेत्रान्तर्गत की सीमाओं में आ रहे घोड़ा-खच्चरों की मानीटरिंग सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी की जा रही है।
फिर भी कुछेक पशु स्वामी पिकप वाहनों में अपने पशुओं को बिना फिटनेस के ला रहे हैं।
जनपद पुलिस द्वारा इस प्रकार से बिना स्वास्थ्य परीक्षण कराये पशुओं को जनपद सीमा में प्रवेश कराने वाले कुल 05 वाहनों को सीज करते हुए इन पशुओं को वापस भिजवाया गया है।

जनपद पुलिस की सभी से अपील है कि इस संक्रामक बीमारी से मुक्त पशुओं को आवश्यक फिटनेस प्रमाण पत्र सहित जनपद में लायें ताकि केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान श्रम करते हुए पशु को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
यदि आपका पशु स्वस्थ रहेगा तो आप तभी उससे कार्य ले सकेंगे। अन्यथा की दशा में बीमार पशु के काम करने से सम्बन्धित पशु स्वामी को ही नुकसान होगा। जनपद पुलिस के स्तर से निरन्तर जनपद सीमाओं से आने वाले पशुओं पर निगरानी रखी गयी है।

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