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एम्स ऋषिकेश में आयोजित तीसरा कॉक्रेन इंडिया कॉन्क्लेव के तहत राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर से जुटे चिकित्सा विज्ञानियों,अनुसंधानकर्ताओं, चिकित्सकों ने विभिन्न सत्रों के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य, चिकित्सा मूल्यों व गुणवत्ता के साथ जनस्वास्थ्य की देखभाल पर किया मंथन।

एम्स ऋषिकेश में आयोजित तीसरा कॉक्रेन इंडिया कॉन्क्लेव के तहत राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर से जुटे चिकित्सा विज्ञानियों,अनुसंधानकर्ताओं, चिकित्सकों ने विभिन्न सत्रों के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य, चिकित्सा मूल्यों व गुणवत्ता के साथ जनस्वास्थ्य की देखभाल पर मंथन किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने कहा कि दुर्गम इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने व उन्हें विकसित करने की आवश्यकता है।
कॉक्रेन इंडिया कॉन्क्लेव के दूसरे दिन के सम्मेलन समारोह का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि सुदूरवर्ती चिकित्साविहींन क्षेत्रों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाना गंभीर चुनौती बताया। कहा कि उत्तराखंड जैसे विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले राज्य में अंतिम छोर तक हेल्थ फेसिलिटी को पहुंचाने के लिए विशेष कार्ययोजना के लिए सामुहिक चिंतन की जरुरत है। ऐसे में कॉक्रेन इंडिया मददगार साबित हो सकता है।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि कॉक्रेन नेटवर्क में विश्वभर के 135 से अधिक देश मिलकर जनस्वास्थ्य के लिए कार्य कर रहे हैं।
संस्था 30 वर्ष से अधिक समय से कार्य कर रही है, कॉक्रेन का उत्तराखंड की तीर्थनगरी ऋषिकेश में यह पहला आयोजन है।

जिसमें पांच सौ से अधिक चिकित्सा विशेषज्ञ, शोधार्थी व मेडिकल साइंस के विद्यार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं।
कॉक्रेन इंडिया नेटवर्क से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के प्रतिनिधियों एम्स दिल्ली के डॉ. सुमित मल्होत्रा, पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ. अनिल चौहान, एम्स भुवनेश्वर की डॉ. नीता मोहंती, केजीएमयू लखनऊ डॉ. बालेंद्र प्रताप सिंह, टाटा मैमोरियल सेंटर के डॉ. तेजपाल गुप्ता, आईसीएमआर दिल्ली की डॉ. यामिनी गुप्ता सहित अन्य प्रतिनिधियों ने कॉक्रेन इंडिया नेटवर्क द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों एवं कॉक्रेन रिव्यूज कार्यशालाओं पर प्रकाश डाला।
कॉक्रेन की सह अध्यक्ष डॉ. अंजू सिन्हा ने बताया कि भविष्य में इस नेटवर्क में अधिकाधिक विभिन्न कॉलेज व स्वास्थ्य संस्थानों के छात्र- छात्राओं को भी जोड़ा जाएगा, ताकि उनके माध्यम से शोध एवं अनुसंधान का लाभ विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से आमजन को मिल सके।
डॉ. अश्वनी व डॉ. मनीषा बिष्ट के संचालन में आयोजित सम्मेलन को एम्स संस्थान की डीन एकेडमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, आयोजन सचिव संदीप कुमार सिंह सहित कई लोगों ने संबोधित किया।

इंसेट:- इन लोगों ने किया सम्मेलन में प्रतिभाग, सहयोग

डॉ. शालिनी राव, डॉक्टर अंकुर मित्तल, डॉक्टर भावना गुप्ता, डॉ वंदना धींगरा, श्रीलोय मोहंती, डॉ. विवेक सिंह मलिक, डॉ. पूर्वी कुलश्रेष्ठ, पीपीएस विनीत कुमार सिंह, पीआरओ संदीप कुमार सिंह, डॉ. पैट्रिक जे. स्टोवर, डॉ. अमांडा मैक फेरिल, डॉ. करला सोरेज मुख्य संपादक कॉकरेन लाइब्रेरी, प्रो. म्यूर ग्रे, प्रो. सुनिल सैनी, डॉ. भूमिका टी.वी. आदि ने सहयोग प्रदान किया।

गैप दूर करने की आवश्यकता
कांफ्रेंस के दौरान यूनाईटेड किंगडम स्थित ब्राइटोल यूनिवर्सिटी से आए प्रो. सोमनाथ मुखोपाध्याय को डॉ. डेविड सैकेट ऑरेशन दिया, जिसकी अध्यक्षता पद्मभूषण प्रोफेसर केके तलवार, पूर्व निदेशक पीजीआई चंडीगढ़ ने की ।
प्रो. सोमनाथ मुखोपाध्याय ने मूल्य आधारित चिकित्सा थीम पर कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में हमें अनुसंधान कार्यों को बढ़ाना होगा और रोगी और हेल्थ केयर के मध्य समन्वय पर विचार करने की जरुरत है।
उन्होंने बताया कि एक ही साल्ट से निर्मित दवा प्रत्येक रोगी पर एक जैसा असर नहीं दिखा सकती। इसका कारण उन्होंने अलग अलग रोगियों में जींस का अलग अलग होना बताया।
प्रो. सोमनाथ के अनुसार यूके के साथ मिलकर अन्य देशों के शोधार्थी भी इस विषय पर शोधकार्य में जुटे हुए हैं कि एक ही साल्ट की दवा से एक ही रोग में अलग अलग मरीजों पर समान परिणाम क्यों नहीं मिल पाते हैं।
यूनाईटेड स्टेट के जियोग्राफिक ग्रुप के टिफेनी गस्ट ड्वेक ने चेंजिंग स्ट्रक्चर ऑफ क्रोकेन, वोल्टर क्लोवर ने साइंटिफिक रिसोर्स पर आधारित प्रजेंटेशन दी।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इंग्लेंड के सर म्यूर ग्रे में वेल्यू बेस्ड मेडिसिन, कैंपबैल साउथ एशिया के एडवाइजर डॉ. हॉवर्ड व्हाइट ने एविडेंस एंड गैप मैप पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।

सम्मेलन में हुई विशेषज्ञों की सामुहिक चर्चा
सम्मेलन के दौरान डा. अंजू सिन्हा व डॉक्टर सुनीता मित्तल की अध्यक्षता में पैनल डिस्कसन हुआ।
जिसमें पॉपुलराइजिंग कॉक्रेन हेल्थ प्रियोरिटीज इन इंडिया विषय पर विशेषज्ञों ने चर्चा की, कहा गया कि कॉक्रेन के एजेंडें के क्रियान्वयन से देश में स्वास्थ्य प्रणाली और बेहतर तरीके से विकसित हो सकेगी और हम प्रतिबद्धता के साथ जनसामान्य को मूल्य आधारित उच्च गुणवत्ता के साथ चिकित्सा सुविधा मुहैया करा सकेंगे।
सामुहिक चर्चा में डॉ. वर्तिका सक्सेना, डॉ. मीनाक्षी धर, डॉ. श्रीपर्णा बासू, डॉ. कमर आजम, डॉ. अंजुम सैय्यद, डॉ. स्मृति अरोड़ा आदि शामिल थे।

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