उमंग व साधना स्वायत सकारिता की 2 दिवसीय चारा प्रशिक्षण का हुआ शुभारम्भ।
40 ग्रामीण कास्तकारो ने किया प्रतिभाग।
ग्रामोत्थान जिला परियोजना की ओर से पौड़ी में दो दिवसीय चारा उत्पादन एवं साइलेज प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस दौरान काश्तकारों को चारा उत्पादन को बढ़ाने के बारे की विधियां बताई गई इसके साथ ही बताया गया कि पशुओं को स्वस्थ्य रखने के लिए हरा चारा जरूरी है।
बुधवार को पौड़ी ब्लॉक सभागार में आयोजित कार्यशाला का उद्घघाटन ब्लॉक प्रमुख दीपक खुगशाल ने किया।
वहीं उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से काश्तकारों को लाभ
मिलेगा।
उन्होंने कहा कि पशुओं को स्वस्थ्य रखने के लिए हरा चारा जरूरी है।
इस आजिविका के सहायक प्रबंधक धनीलाल उनियाल ने बताया कि नेपियर घास पशुओं के लिए काफी लाभदायक साबित होती है।
पशुपालन विभाग से आए आलोक खंडूरी ने बताया कि नई किस्मों का अपनाकर चारा उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मक्का से गायों के दूध देने की क्षमता बढ़ाता है । उन्होंने गाय के खान-पान व पालन पोषण सबंधित जानकारी दी। प्रशिक्षण मे उमंग स्वायत्त सहकारिता ढांडरी व साधना स्वायत्त सहकारिता ल्वाली के 40 कास्तकारो ने प्रतिभाग किया।
ग्रामोत्थान परियोजना से मयंक नौटियाल ने काश्तकारों को चारा उत्पादन की बेहतर तरीके
से बताया। इस मौके पर कीर्ति गुसाई, विजय बिष्ट, मोहन, कविता, अक्षय तोमर, आशा नेगी, अभिषेक, साहिल आदि मौजूद रहे।