कैंसर मरीजों को मिलेगी राहत, मैक्स अस्पताल पटपड़गंज ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में शुरू की ऑन्कोलॉजी ओपीडी ।
रिपोर्ट – चंदन सिंह बिष्ट हल्द्वानी
-दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मैक्स अस्पताल ने शुरू की ये ओपीडी सेवा
-हल्द्वानी में बृजलाल अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के साथ मिलकर शुरू की गई ओपीडी
-आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कैंसर मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
हेल्थकेयर सर्विस के क्षेत्र में अग्रणी दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल (पटपड़गंज) ने कैंसर मरीजों को राहत देने के मकसद से अपनी ऑन्कोलॉजी सेवा को विस्तार दिया है. अस्पताल ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में बृजलाल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के साथ मिलकर ऑन्कोलॉजी ओपीडी सेवा की शुरुआत की है. हल्द्वानी में ये अपने तरह की पहली ओपीडी होगी, जिससे आसपास के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों के मरीजों को भी राहत मिलेगी.
हल्द्वानी में नैनीताल रोड स्थित बृजलाल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में इस ओपीडी में मरीज जा सकेंगे और डॉक्टर को दिखा सकेंगे. महीने के हर तीसरे शनिवार को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक यहां डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे. इससे न सिर्फ इलाके के लोगों को कहीं और जाकर इलाज कराने से मुक्ति मिलेगी, बल्कि उनका पैसा भी कम खर्च होगा.
इस ओपीडी सेवा की शुरुआत मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी-हेड एंड नैक कैंसर के डायरेक्टर डॉक्टर सौरभ अरोड़ा की मौजूदगी में की गई।
डॉक्टर अरोड़ा ने इस मौके पर बताया कि कैंसर का सही वक्त पर पता लगना और फिर उसका बेहतर इलाज कितना जरूरी है.
भारत में कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो प्री-मैच्योर मौत का सबसे बड़ा कारण है।
पुरुष और महिलाएं दोनों को ही ये कैंसर लील रहा है. ग्लोबाकैन के 2020 के डाटा के मुताबिक, 13.24 लाख केस में से 11.42% मरीजों को ओरल कैंसर के कारण जान गंवानी पड़ी।
जबकि सिर और गर्दन के कैंसर, खासकर पुरुषों के होंठ, मुंह और गले की नलिका के कैंसर से होने वाली मौतों का आंकड़ा दूसरे नंबर पर रहा. इस तरह के कैंसर केस के कारण करीब 25 फीसदी मौतें हो रही हैं. पिछले साल की बात की जाए तो भारत में नए कैंसर पेशंट्स की संख्या में 18 फीसदी का इजाफा हुआ है.
मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी-हेड एंड नैक कैंसर के डायरेक्टर डॉक्टर सौरभ अरोड़ा ने बताया, ”हेड और नैक कैंसर में- चीक, जीभ, गला, वॉइस बॉक्स, खाने की नलिका और थायराइड के कैंसर केस भारत में सबसे ज्यादा पाए जाते हैं. इस तरह के कैंसर का सबसे अहम कारण तंबाकू का सेवन होता है और इनका इलाज भी संभव है।
अगर शुरुआती स्टेज में ही इन कैंसर का पता लगाया जा सके और वक्त रहते इलाज शुरू करा दिया जाए तो इनसे बचा जा सकता है।
इस तरह का कैंसर होने पर मुंह में सफेद या लाल धब्बे हो जाते हैं या अल्सर हो जाता है, आवाज बदल जाती है, खाना चबाने में दिक्कत होने लगती है, गर्दन में मोटी गांठ हो जाती है जो सामान्य इलाज से 2-3 हफ्तों में भी ठीक नहीं होती है. ये कैंसर अगर एडवांस स्टेज में भी हो तो एडवांस टेक्नोलॉजी जैसे प्लास्टिक सर्जरी, रोबोटिक सर्जरी और लेटेस्ट रेडियोथेरेपी मशीनों के जरिए सफलता से इनका इलाज किया जा सकता है. इसके साइड इफेक्ट भी नहीं होते और मरीज इलाज के बाद खुशहाल जिंदगी गुजार सकता है.”
कैंसर के मरीजों को ध्यान में रखते हुए हल्द्वानी में ओपीडी सेवा का आगाज किया गया और इस दौरान लोगों को अपनी रुटीन लाइफ सुधारने और रेगुलर हेल्थ चेकअप्स की सलाह दी गई।
डॉक्टर्स ने बताया कि अगर किसी को मुंह में सफेद या लाल निशान हो जाते हैं या अल्सर हो जाता है और ये समस्या 3 हफ्तों से ज्यादा तक रहती है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
डॉक्टर सौरभ अरोड़ा ने कहा, ”आमतौर पर लोग बीमारी को समझ नहीं पाते और वो एडवांस स्टेज में कैंसर पहुंचने के बाद अस्पताल का रुख करते हैं. लिहाजा, कैंसर के इलाज और इसके बचाव को लेकर लोगों में अवेयरनेस लाने की जरूरत है, अगर किसी को ये घातक रोग हो भी जाता है तो आजकल एडवांस तकनीक मौजूद है जिससे सफल इलाज किया जा सकता है।
इसलिए लोगों को ये भी समझने की जरूरत है कि कैंसर के लक्षणों को इग्नोर न करें. कुछ लक्षण बहुत आम हैं जिन्हें लोग यूं ही टाल देते हैं।
अगर मुंह में छाले पड़ जाते हैं और ठीक नहीं हो पाते, चबाने में मुश्किल आए और दर्द हो, मुंह के अंदर सफेद या लाल पैच पड़ जाएं तो इस तरह के लक्षणों को बिल्कुल भी दरकिनार न करें।
नहीं तो ये बड़ी गांठ का रूप ले सकते हैं और कैंसर हो सकता है.”
कैंसर एक ऐसा रोग जो शहरों से लेकर ग्रामीण आबादी तक फैला हुआ है. बड़े शहरों में इलाज पाना फिर भी आसान होता है लेकिन छोटे शहरों या सुदूर दुर्गम क्षेत्रों में मरीज को कैंसर जैसे रोगों के लिए अच्छे डॉक्टर्स नहीं मिल पाते है।
इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के पटपड़गंज मैक्स अस्पताल ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में बृजलाल हॉस्पिटल के साथ मिलकर ऑन्कोलॉजी ओपीडी शुरू की है, ताकि हल्द्वानी और आसपास के इलाकों के मरीजों के साथ ही कुमाऊं क्षेत्र के सुदूर क्षेत्रों के मरीज भी यहां आकर कैंसर के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को दिखा सकें और मैक्स अस्पताल के माध्यम से बेस्ट इलाज पा सकें।