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ब्रेकिंग:-अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आयोजित हिंदी पखवाड़े के समापन अवसर पर स्वरचित काव्य पाठ का आयोजन किया गया।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आयोजित हिंदी पखवाड़े के समापन अवसर पर स्वरचित काव्य पाठ का आयोजन किया गया।

इस दौरान मुख्य अतिथि एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर मीनू सिंह ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल आए प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की बात कही।

एम्स ऋषिकेश के राजभाषा विभाग की ओर से आयोजित हिंदी पखवाड़े का बृहस्पतिवार को समापन हो गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में काव्य पाठ प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न रचनाकारों ने स्वरचित काव्य रचनाएं प्रस्तुत की।

कार्यक्रम में हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल आने वाले प्रतिभागियों को बतौर मुख्य अतिथि एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया।

14 सितम्बर को शुरू हुए हिंदी पखवाडे़ के तहत एम्स ऋषिकेश में अलग-अलग कार्य दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें हिंदी निबंध प्रतियोगिता, टंकण प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता आदि हिंदी भाषा की प्रतियोगिताएं शामिल थी।

इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि हिंदी भाषा विश्व की सबसे सरल भाषा है। यह भाषा सर्वमान्य है और हम सभी को आपस में जोड़ना सिखाती है।

कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि संस्थान के समस्त कर्मचारियों को चाहिए कि वह अपनी राष्ट्रभाषा को बढ़ावा देने के लिए हिंदी भाषा में कार्य करें और व्यवहार व आम बोलचाल में भी हिंदी का इस्तेमाल करें।

डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने लोगों से आह्वान किया कि वह राष्ट्रभाषा हिंदी से प्रेम करें और इसे आचार व्यवहार में अपनाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा के प्रति यह प्रतिबद्धता हिंदी को नए सोपान पर पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी।

संस्थान के वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी शशिकांत ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, इसलिए इसका सम्मान तभी होगा, जब हम अपने दैनिक जीवन में इस भाषा को अधिक से अधिक बढ़ावा देंगे।

कार्यक्रम में काव्य पाठ प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को मंच द्वारा पुरस्कृत किया गया।

हिन्दी निबन्ध प्रतियोगिता में डॉ.नरेश कुमार, अंकित तिवाड़ी, अमित श्रीवास्तव और अक्षिता को, हिन्दी टंकण प्रतियोगिता में दिगम्बर प्रसाद, मोहन कुमार, डॉ. रंजीता और रूपेश सैनी को, अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद प्रतियोगिता में अरविन्द चौहान, लोकेन्द्र बिष्ट, आर्यन और डॉ. नरेश कुमार को, वाद-विवाद प्रतियोगिता में नरेश कुमार, ओसीन पुरी, नमन मिश्रा और अनुराग शुक्ला को, स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता में श्रेया, पाण्डा, जितेन्द्र शर्मा, अनुराग शुक्ला और कल्याण कुमार को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा एक अन्य प्रतियोगिता में अखिलेश्वर यादव, प्रीति कोठारी, विवेक प्रताप ओझा और हर्ष सोलंकी को भी पुरस्कार प्रदान किया गया।

साथ ही कुछ अन्य को राजभाषा प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

राजभाषा अधिकारी नीरा तिवाड़ी के संचालन में चले कार्यक्रम के दौरान संस्थान के उपनिदेशक प्रशासन ले.कर्नल ए.आर. मुखर्जी, आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. रश्मि मल्होत्रा, डीन रिसर्च प्रो. वर्तिका सक्सैना, प्रशासनिक अधिकारी गौरव बडोला, संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल, डॉ. नीलम कायस्थ, डॉ. मोनिका पठानिया, डॉ. अभिषेक भारद्वाज, डॉ. नरेश मोहन, डॉ. बलरामजी ओमर, प्रो.. ब्रिजेन्द्र सिंह, डॉ. जयन्ती पाल, केपी शर्मा, सरिता उनियाल, प्रदीप बडोनी, सुनीता नौटियाल सहित कई अन्य मौजूद रहे।

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