यहाँ व्यापारिक प्रतिष्ठान तोड़े जाने पर व्यापारियों ने बाजार बंद कर किया यहाँ किया गया पुतला दहन।
रिपोर्ट:-सुभाष बडोनी ब्रहमखाल/उत्तरकाशी।
ताजा मामला उत्तरकाशी से है जहां हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही गतिमान है।
वहीँ अतिक्रमण को रेडमार्क कर उत्तरकाशी जनपद के अलग-अलग जगहों पर बाजार तोड़े जा रहे हैं वहीं विना मानक के अतिक्रमण हटाने में हो रही अनियमिताओं के विरोध में अब व्यापारी लामबंद होने लगे हैं।
शुक्रवार को ब्रहमखाल बाजार के सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया।
वही हो रही इस व्यापक कार्यवाही पर व्यापारियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने को लेकर सरकार को उनका पक्ष भी सुनना चाहिए, लेकिन प्रदेश सरकार भी उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
उन्होंने कहा कि जब सरकार झुग्गी झोपड़ियां और मलिन बस्तियों को बचाने के लिए अध्यादेश ला सकती है तो क्या उनके पक्ष सुनने के लिए अध्यादेश क्यो नहीं ला सकती।
व्यापारियों का कहना है कि अतिक्रमण की आड़ में प्रशासन व सम्बंधित विभाग उनका उत्पीड़न कर रहा है और प्रदेश सरकार खामोश है
साथ ही व्यापारियों का कहना है कि अतिक्रमण चिन्हित करने आए कर्मियों ने विना मानक के चिन्हीकरण में अनियमिताएं की है इनके द्वारा वास्तविक अतिक्रमण को चिन्हित नहीं किया गया है।
उनका कहना था कि उनके द्वारा तो उस अतिक्रमण को नजर अंदाज ही कर दिया गया जबकि बाजार में 15 मीटर,व अन्य जगहों पर 18 मीटर के दायरे में ऊपर की तरफ का मुआवजा ऑल वेदर सड़क निर्माण के समय राष्ट्रीय राजमार्ग बड़कोट के द्वारा दिया गया।
यही नही कही न कही विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से आज वहां पर लोगों ने अतिक्रमण कर अपने पक्के भवनों को खड़ा कर दिया है।
अब उन भवनों को बचाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने दूसरी तरफ के भवनों को चिन्हित कर उनका उत्पीड़न कर रहे है।
आज विभाग को उनकी पुश्तैनी भूमि पर तो अतिक्रमण दिख रहा है लेकिन जहां विभाग ने लाखों व करोड़ो रूपए का मुआवजा दिया है वहां पर विभाग को अतिक्रमण अभी भी नहीं दिखाई दे रहा है ।
सरकार द्वारा जिस भूमि जिस मकान का मुआवजा दिया गया उसे तो छोडा जा रहा है और जहां पर कुछ भी प्रतिकर नहीं दिया गया उसे अतिक्रमण के दायरे में लाया जा रहा है।
आखिर यह अनियमित क्यों बरती जा रही है यह एक जांच का विषय है और क्यों सरकार इसका संज्ञान नहीं ले रही है।
आज सरकार भी उनके प्रतिष्ठानों को बचाने के बजाय उजाड़ने का काम कर रही है।
वही गुस्साए व्यापारियों ने कहा कि उन्होंने आज सिर्फ सांकेतिक तौर पर बाजार बंद किया है अगर इसके बाबजूद सरकार नहीं चेती तो अनिश्चित काल के लिए बाजार बन्द किया जायेगा और सभी व्यापारी अपने अपने प्रतिष्ठानों के आगे आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
इस दौरान व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेश रमोला,सरवीर चंद रमोला, सत्येन्द्र रावत, नरेंद्र नेगी, मनवीर भण्डारी शक्ति प्रसाद अवस्थी, बालम सिंह रावत, दलवीर सिंह रावत,सुरेश रमोला, नरेश भट्ट, जितेन्द्र राणा इत्यादि व्यापारी मौजूद रहे।