देशभर में चमोली क्षेत्र में एसटीपी पर हुए हादसे के लिए जिम्मेदार कंपनियों की कारगुजारियों के चलते इन्हें प्रतिबंधित करने की सिफारिश की गई है।
चमोली में कुछ दिनों पूर्व एक लापरवाही के चलते एक बड़ा हादसा हो गया था जिसमे कई लोगों ने अपनी जान गवां दी थी।
अब उसी हादसे के किये जिम्मेदार कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए पेयजल निगम ने केंद्र की एजेंसी राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को पत्र लिखा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एसटीपी के निर्माण के लिए सिविल कार्यों की जिम्मेदारी बृजभूषण मलिक की कंपनी को हस्तांतरित किया गया था लेकिन बिजली के काम के साथ-साथ इस कंपनी ने कोयंबटूर के कॉन्फिडेंट इंजीनियर के साथ एक संयुक्त उद्यम में एसटीपी ऑपरेटर का संचालन भी अपने हाथों में लेने की बजाय दूसरी कंपनी को यह दे दिया था।
खुद को काम पर रखने के बजाय, संचालन की जिम्मेदारी लेने वाली कंपनी ने अवैध रूप से कार्यों को पट्टे पर दे दिया और उन्हें महाजन की कंपनी को उपठेके पर दे दिया।
इस मामले में निर्माण कार्य के दौरान निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया गया था।
साथ ही, बड़े पैमाने पर उपयोग का उल्लंघन हुआ।
इन उल्लंघनों के कारण, पेयजल निगम ने दोनों कंपनियों को 15 वर्षों के लिए राज्य में संचालन से प्रतिबंधित कर दिया।
साथ ही उन्होंने यह भी सिफारिश की है कि इन कंपनियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित कर दिया जाए ताकि उन्हें देशभर में अन्य काम न मिलें।