Khabar Ganga Kinare Ki
उत्तराखंड

Nainital: रात्रि में चालाकी से धंस रहा है पूरा नैनीताल, यहाँ जानिए क्या है इसके कारण

Nainital: रात्रि में चालाकी से धंस रहा है नैनीताल , जानिए इस बड़े कारण के बारे में

Nainital के पहाड़ों का भूवैज्ञानिक रूप से संवेदनशील होने के बावजूद, सरकारी मशीनरी और शहर के निवासी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे दिखते हैं। बालियानाला से शहर के अंदर कई स्थानों तक हो रहे भूस्खलन भविष्य में बड़े खतरे की चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन प्राकृतिक चेतावनी के बावजूद भी शहर में अवैध निर्माण काम रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।

अवैध निर्माण के मामले में जिला विकास प्राधिकरण की मंदता का लाभ उठाते हुए, अत्याचारपूर्ण तरीके से अवैध निर्माण काम रातोंरात किया जा रहा है। यहां के मिस्त्रियाँ भी कमाल के हैं, जो अवैध ढंग से शानदार इमारतें रातोंरात बना देते हैं। शहर में नए निर्माण कार्य को लेकर प्रतिषेध है। पुरानी इमारतों की मरम्मत के लिए भी, विभिन्न विभागों से NOC प्राप्त करना और प्राधिकरण से मानचित्र को पास करवाना होता है।

Nainital: रात्रि में चालाकी से धंस रहा है नैनीताल , जानिए इस बड़े कारण के बारे में

सर्वेक्षण के बाद, केवल अगर निर्माण कार्य के प्रस्तावित स्थल सुरक्षित क्षेत्र में हो, तो निर्माण या मरम्मत कार्य के लिए अनुमति प्राप्त की जा सकती है। लेकिन इसके बावजूद, शहर के कई अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में रुकुट कॉम्पाउंड, चारटन लॉज और नंबर 7 क्षेत्र सहित अनेक संवेदनशील क्षेत्रों में अवैध निर्माण कार्य बिना किसी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी के ध्यान को देखते हुए चल रहा है।

तरीका निर्माण अनूठा है

पिछले दशक में शहर के असुरक्षित और हरित बेल्ट क्षेत्रों में अवैध निर्माणों की बढ़ती हुई लहर देखने को मिली है। यहां पर अवैध निर्माण कार्य का तरीका भी बहुत अनूठा है। दिन के दौरान आयरन गर्डर्स लगाकर रातोंरात टिन शेड को तैयार किया जाता है। इसके बाद, टिन शेड के अंदर ईंट और सीमेंट लगाकर इसे स्थायी इमारत में बदल दिया जाता है। थोड़ी देर बाद, टिन की बाहरी आवरण को हटा दिया जाता है।

Nainital: रात्रि में चालाकी से धंस रहा है नैनीताल , जानिए इस बड़े कारण के बारे में

रेवाइनों की दीवार खतरा बढ़ा रही है।

शहर के अधिकांश क्षेत्रों में अवैध निर्माण कार्य के कारण सुरक्षा दीवारें बनाने के लिए सीमेंट ब्लॉक का उपयोग किया जा रहा है। इन खाईयों को मिट्टी से भरकर सुरक्षा दीवार बनाई जाती है। लेकिन कुछ वर्षों के बाद, जैसे ही बैग का नुकसान होता है, इसमें भरे हुए कचरे को नालियों के माध्यम से बहाया जाता है और नैनी झील में आ जाता है। लेकिन इस पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है।

Related posts

Investor Summit: छह मेगा किचनों से platinum, gold और diamond श्रेणियों में पाक कला का शानदार प्रदर्शन, जिसमें PM Modi और औद्योगिक नेताओं

khabargangakinareki

महिलाओं के लिए मिसाल बनी सुनीता सजवाण।” ’एन.आर.एल.एम. से जुड़कर तहसील बनी आत्मनिर्भर।”

व्यापार:-उत्तराखण्ड सरकार और जे एस डब्लयू नियो एनर्जी लिमिटेड के मध्य 15 हजार करोड़ का MOU।

khabargangakinareki

Leave a Comment