विश्व ह्रदय दिवस एवं विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छाम में
एक दिवसीय जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी मे स्वास्थ्य कर्मियों, पशु चिकित्साधिकारी एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अभिलाषा ने बताया कि गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जन जागरूकता पैदा करना है। कहा कि ह्रदय रोग से बचाव के लिए सभी को सबसे पहले पोषण पर ध्यान देना, नियमित रूप से कसरत करन, ज्यादा तले हुए खाने से परहेज़ करना, जरूरत पड़ने पर कोलस्ट्रोल की जांच करना जरूरी है।
वहीं उन्होंने बताया कि रेबीज वायरल जनित है, जो कि जानवरों से इन्सान में फैलता है। रेबीज वायरल का मुख्य लक्षण बुखार आना, शरीर में दर्द होना,पानी से डर लगना है। रेबीज मुख्य रूप से तीन कैटेगरी से फैलता है।
पहला अगर कुत्ता इन्सान को चाट जाय या उसकी लार लग जाय। इसमें शरीर के उस हिस्से को साबुन व बहते पानी से धोना चाहिए। दूसरा अगर कुत्ते के हमले के कारण किसी इन्सान के शरीर में खरोंच आ जाती है और रक्त स्राव नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति में उस स्थान पर घाव को बहते हुए पानी से करीब 15 मिनट तक धोना चाहिए और एन्टी रेबीज वैक्सीन लगानी चाहिए।
तीसरा अगर कुत्ते के हमले से गहरा घाव व रक्त स्राव होता है तो घाव को बहते पानी से अच्छे से धोना चाहिए और एंटी रेबीज के साथ साथ आई.जी. भी लगवाना चाहिए।
पशुचिकित्साधिकारी बिशन कुमार तोमर ने कहा कि जो लोग पशुपालन से जुड़े हैं, उन्हें एतिहात के तौर पर 6-6 माह के अन्तराल में शेड्यूल अनुसार एंटी रेबीज बूस्टर डोज के टीके लगवाने चाहिए, ताकि उन्हें रेबीज की चपेट में आने से बचाया सके।
वहीँ उन्होंने उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों एवं व समाज से जुड़े सभी जागरूक नागरिकों से अपने अपने स्तर से इसका व्यापक प्रचार प्रसार करने की अपील की। कहा कि कहीं पर भी जरूरत पड़ने पर हमारे द्वारा पूरा सहयोग किया जाएगा।
इस मौके पर ब्लाक प्रमुख थौलधार प्रभा बिष्ट, क्षेत्र पंचायत सदस्य धनवीर पुरषोड़ा सहित डा. समीक्षा वर्मा, डा. इशा उनियाल, डा. रितिका रतूड़ी, डा. मयंक रमोला, फार्मेसी अधिकारी सुरेन्द्र पुरषोड़ा, मुकेश पुरषोड़ा, सुभाष , रमोला, दिनेश शाह, कण्डीसौड़ प्रधान नीलम कु lमांई , प्रधान धरवाल गांव बीरेंद्र अग्निहोत्री, रामचंद्र खण्डूड़ी, धनवीर कुमारी, मनोज खण्डूड़ी आदि मौजूद रहे।