दिनांक 5/ 02/ 2025 को एस एस बी गुरिल्ला संगठन की एक आपातकालीन मीटिंग घनसाली गैस गोदाम हनुमान मंदिर के सामने संपन्न हुई।
गुरिल्ला संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं टिहरी जिले का जिला अध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला, प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल प्रसाद भट्ट, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी महावीर सिंह रावत, प्रदेश प्रचारक एवं चंपावत के जिला अध्यक्ष ललित मोहन बगौली कई पदाधिकारी उस मीटिंग में सम्मिलित थे।
प्रदेश उपाध्यक्ष एवं टिहरी जिले का जिला अध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला ने और अनिल प्रसाद भट्ट ने सरकार को साफ-साफ शब्दों में चेताते हुए कहा है कि अगर सरकार गुरिल्लाओ के हित में एवं मांगों पर शासनादेश जारी नहीं करता है तो समस्त उत्तराखंड के गुरिल्ला 16 फरवरी को देहरादून कूच करेंगे और 17 फरवरी से अनिश्चितकाल के लिए सी एम आवास कूच करेंगे और आत्मदाह जैसे कदमों को उठाने के लिए बाध्य होंगे।
जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार एवं धामी सरकार की होगी और एस एस बी युद्ध प्रशिक्षित गुरिल्ला अपनी मांगों को मनवाने के लिए 18 सालों से आंदोलन कर रहा है और उत्तराखंड सरकार ने 20 दिसंबर 2023 को अपने 18 सचिवों और विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारियों एवं मुख्य सचिव राधा रतूड़ी जी की अध्यक्षता में गुरिल्ला प्रतिनिधि मंडल और एस एस बी युद्ध प्रशिक्षित गुरिल्ला पदाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए थे।
जिसमे उन्होंने बताया कि आपके द्वारा सभी 18 सचिवों और विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि विभिन्न विभागों से रिक्त पदों की सूची शासन को भेजें और गुरिल्लाओ की सेवाओं का लाभ लिया जाए।
जिससे कि गुरिल्लाओ में आशा थी कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा आश्वासन दिया गया है अब हमारा काम हो जाएगा परंतु 14 माह बीत जाने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
जिससे एस एस बी युद्ध प्रशिक्षित गुरिल्लाओ में अत्यंत निराशा एवं रोष है जबकि एस एस बी युद्ध प्रशिक्षित गुरिल्ला 18 सालों के लंबे अंतराल से अपनी तीन सूत्रीय मांगों के लिए सड़क से संसद तक अपनी लड़ाई लड़ रहा है और दर-दर की ठोकरें खा रहा है और बेरोजगारी का दंश भोग रहा है जो की काफी निराशाजनक है जबकि मणिपुर में स्वयंसेवक गुरिल्लाओं को नियमित सेवा में नियुक्त दी गई और बाकी गुरिल्लाओं को अन्य लाभ व सुविधा दी जा रही है पेंशन एवं ग्रेच्युटी आदि प्रदान की गई है।
उत्तराखंड के एस एस बी युद्ध प्रशिक्षित गुरिल्लाओ का केंद्र सरकार राज्य सरकार द्वारा भी कई बार सत्यापन करा दिया गया है और कई बार पूर्व की सरकारों ने भी कुछ बिंदुओं पर शासनादेश भी जारी किया था पूर्व या वर्तमान सरकार ने भी गुरिल्लाओं के विषय पर सकारात्मक पहल करने की बात कही है।
मगर एस एस बी युद्ध प्रशिक्षित गुरिल्लाओ का आज तक किसी भी सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है जो की अत्यंत निराशाजनक है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का गुरिल्ला मणिपुर की भांति 2006 से लेकर 2025 तक अपनी मांगों को मनवाने के लिए उत्तराखंड के सभी जिलों से लेकर राजधानी देहरादून और जंतर- मंतर तक धरना प्रदर्शन कर रहा है।
जिसके पश्चात सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है। समस्त पदाधिकारीयों ने कहा कि 18 दिसंबर 2024 को जब सी एम आवास कूच था तो सरकार ने आनन-फानन में गुरिल्ला पदाधिकारीयों को वार्ता के लिए बुलाया। जिसमें प्रमुख गृह सचिव शैलेश बगौली की अध्यक्षता में वार्ता हुई।
सरकार ने आनन-फानन में 20 दिसंबर 2024 को मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में एवं समस्त सचिवों के साथ एक आपातकालीन मीटिंग सचिवालय में हुई थी।
जिसमें सचिव स्तर से तुरंत कार्रवाई का आश्वासन पदाधिकारीयों को दिया गया था लेकिन डेढ़ माह बीतने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसमें समस्त उत्तराखंड के गुरिल्ला एवं पदाधिकारी बड़े आक्रोशित हैं।
समस्त गुरिल्ला संगठन के पदाधिकारीयों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार 10 फरवरी तक गुरिल्लाओं को नौकरी एवं पेंशन नहीं देती है तो समस्त उत्तराखंड के गुरिल्ला 16 फरवरी को देहरादून कूच करेंगे और 17 फरवरी को अपने पुराने अडिग पर अनिश्चितकालीन के लिए सी एम आवास कूच करेंगे और आत्मदाह जैसे कदमों के लिए बाध्य होंगे।
जिजिसके लिये उन्होंने चेताया कि ईसकी संपूर्ण जिम्मेदारी धामी सरकार और उत्तराखंड सरकार की होगी की होगी।
इस मीटिंग में गुरिल्ला संगठन के महासचिव जगदीश सेमवाल, सचिव अरविंद रावत, उपाध्यक्ष मकान सिंह नेगी, महावीर सिंह मेहर, सतीश बिजवाण, पुष्पा देवी, अनीता देवी, बसंती देवी, मखानी देवी, निर्मला देवी, प्रमिला कुसुमदेवी सेमवालकई सैकड़ो गुरिल्ला मीटिंग में उपस्थित थे। जय उत्तराखंड। जय एस एस बी युद्ध प्रशिक्षित गुरिल्ला।