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एस एस बी गुरिल्ला संगठन की आपातकालीन मीटिंग घनसाली के हनुमान मंदिर गैस गोदाम में हुई संपन्न,यह था मुख्य कारण।

दिनांक 7 नवंबर 2024 एस एस बी गुरिल्ला संगठन की आपातकालीन मीटिंग घनसाली के हनुमान मंदिर गैस गोदाम में संपन्न हुई।
इस बैठक में एस एस बी गुरिल्ला संगठन के मीडिया प्रभारी अनिल प्रसाद भट्ट सह मीडिया प्रभारी महावीर सिंह रावत, प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला एवं जिला अध्यक्ष टिहरी गढ़वाल, विकासखंड भिलंगना के ब्लाक महासचिव जगदीश प्रसाद सेमवाल, एवं सह सचिव अरविंद सिंह रावत, ब्लॉक उपाध्यक्ष महावीर रावत और गुरिल्ला संगठन के समस्त पदाधिकारी एवं समस्त गुरिल्लाओ की एक आपातकालीन मीटिंग में सम्मिलित थे।

इस बैठक का मुख्य कारण गुरिल्लाओ में व्याप्त रोष बताया गया है। उनके द्वारा बताया गया कि क्योंकि 2 सितंबर 2024 को जब गुरिल्लाओ का सी एम आवास कूच था तो सरकार ने आनन-फानन में गुरिल्ला संगठन के पदाधिकारीयों को वार्ता के लिए बुलाया था।

जिसमें गृह सचिव रिद्धिमा अग्रवाल द्वारा गुरिल्ला संगठन के पदाधिकारीयों की वार्ता हुई और जिसमें हर एक बिंदुओं पर गृह सचिव रिद्धिमा अग्रवाल ने गुरिल्ला संगठन के पदाधिकारीयों को 48 घंटे का समय दिया था।
लेकिन उन्होंने कहा था कि अब भी जहां-जहां गुरिल्लाओ की फाइल रुकी है उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी ।
लेकिन जिसमें की डेढ़ माह बीतने के बावजूद भी सरकार ने अभी तक कोई काम नहीं किया।
इस बात पर समस्त उत्तराखंड के गुरिल्ला आक्रोशित हैं।

बताया गया है कि गुरिल्ला संगठन के पदाधिकारीयों ने निर्णय लिया है कि 10 नवंबर को समस्त एसएसबी गुरिला संगठन के पदाधिकारी देहरादून कूच करेंगे।
वहीं 11 नवंबर को एक आपातकालीन मीटिंग ठीक 10:00 बजे जैन धर्मशाला देहरादून में आहूत की गई क्योंकि सरकार बार-बार गुरिल्लाओं को केवल आश्वासन देती आ रही है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार गुरिल्लाओं के काम नहीं कर रही है जबकि नैनीताल हाई कोर्ट ने भी 4 अगस्त 2022 को गुरिल्लाओं के पक्ष में फैसला सुना दिया है।

जबकि मणिपुर की सरकार ने वहां के गुरिल्लाओं को नौकरी और पेंशन 2004 में दे दी है, वहीं उत्तराखंड की सरकार अभी तक हमेशा गुरिल्लाओं को आश्वासन देती आ रही है जबकि कई बार गुरिल्ला संगठन के पदाधिकारीयों ने सरकार से वार्ता की।

उत्तराखंड में कई प्रोजेक्ट में काम चल रहा है। जैसे ऋषिकेश -कर्णप्रयाग रेल लाइन, रानी पोखरी से टिहरी तक सुरंग, टिहरी झील के चारों ओर रिंग रोड, डैम प्रोजेक्ट , निजी सुरक्षा एजेंसी, होमगार्ड, उपनल के माध्यम से, यूको टास्क फोर्स, स्वैच्छिक आपदा प्रबंधन आदि विभागों में 55 साल तक गुरिल्लाओं को सामायोजित कर सकती है।
वहीं इस बैठक में उन्होंने चेताया कि अगर सरकार 15 दिसंबर तक गुरिल्लाओं को नौकरी, पेंशन आदि सुविधाएं नहीं देती है तो इसपर प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला ने कहा है कि समस्त उत्तराखंड के गुरिल्ला 17 दिसंबर को देहरादून कूच करेंगे और 18 दिसंबर से सी एम आवास कूच करेंगे।
इस दौरान अगर कोई अप्रिय घटना घटती है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी धामी सरकार की होगी।
इस मीटिंग में गुरिल्ला संगठन के विक्रम सिंह पवार, और वैशकूलाल, मकान सिंह नेगी, अरविंद मेहरा, जयेंद्र सिंह, विमला देवी, चंपा देवी, कमला देवी, बसंती देवी, अनीता देवी, पुष्पा देवी आदि कई सैकड़ों गुरिल्ला उपस्थित थे।

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