न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Tue, 14 Dec 2021 10:19 AM IST
सार
हरिद्वार में सोमवार को मौसम ने अचानक करवट बदली। पूरे दिन बादल छाए रहने से शाम को न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इससे काफी ठंडी हवाएं चली।
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राजधानी दून और आसपास के कुछ इलाकों में मंगलवार को हल्के बादल छाये रह सकते हैं। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार अन्य इलाकों में मौसम सामान्य रहेगा।
छह डिग्री पहुंचा न्यूनतम पारा, बढ़ी ठंड वहीं हरिद्वार में सोमवार को मौसम ने अचानक करवट बदली। पूरे दिन बादल छाए रहने से शाम को न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इससे काफी ठंडी हवाएं चलीं। आद्रता 95 फीसदी पहुंचने से मंगलवार को बूंदाबांदी की संभावना है। बारिश होते ही यहां कड़ाके की ठंड शुरू हो जाएगी। मौसम विभाग के ऋतु आलोकशाला के शोध पर्यवेक्षक नरेंद्र रावत के मुताबिक सोमवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम छह डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। नरेंद्र रावत ने बताया कि मंगलवार को बूंदाबांदी हो सकती है।
डॉक्टर दे रहे हैं, एहतियात बरतने की सलाहठंड के मौसम में लोगों में हृदय संबंधी दिक्कत बढ़ रही हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में हृदयरोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। ठंड से शरीर में आने बदलाव से हृदयाघात (हार्ट अटैक) का खतरा भी रहता है। ऐसे में डॉक्टर ठंड के मौसम में विशेष एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमर उपाध्याय ने बताया कि सर्दियों के मौसम में वातावरण में तापमान कम हो जाता है। इससे शरीर के तामपान में भी बदलाव होने लगता है। ठंड से धमनियों में संकुचन-सिकुड़न से धड़कन बढ़ने लगती है। स्ट्रेस (तनाव) वाले हार्मोंस का स्तर बढ़ने से ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। जिसके कारण शरीर के विभिन्न अंगों तक रक्त को पंप करने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करने की जरूरत होती है।
इसके अलावा ठंड के मौसम के दौरान बाहर का तापमान कम होने से शरीर की गर्मी को बनाए रखने में परेशानी पैदा होने लगती है। जो हृदय की रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुंचा सकती है। डॉ. अमर उपाध्याय ने बताया कि जिन्हें हृदय संबंधी बीमारी नहीं उनमें भी ठंड में हृदयाघात का खतरा रहता है। ठंड में आमतौर पर फेफड़ों में संक्रमण बढ़ने का भी खतरा रहता है। इससे सांस फूलने लगती है। इस वजह से हृदय पर दबाव बढ़ जाता है। सर्दियों में जब तापमान गिरता है, तो शरीर की अपनी गर्मी को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। जिन लोगों को पहले से ही हृदय रोगों की समस्या है, या जिनको पहले हार्ट अटैक हो चुका है, उन्हें ऐसे मौसम में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। सर्दी के मौसम में शरीर की ऑक्सीजन की जरूरत भी बढ़ जाती है। हृदय को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण भी दिल के दौरे का जोखिम बढ़ जाता है।
– सबसे पहले तो ठंड से बचें और पर्याप्त कपड़े पहनें- सुबह शाम ठंड में टहलने जाने से बचें- बुजुर्गों, बच्चों और पहले से हृदय रोग से पीड़ित लोगों का विशेष ध्यान रखें- अगर हृदय संबंधी दवा खाते हैं तो उसे बिना डॉक्टर की सलाह से खुद कम ज्यादा या बंद न करें- बाहर टहलने के बजाय घर के अंदर योग, व्यायाम आदि हल्की एक्सरसाइज करें- धुम्रपान न करें- प्रोटीन युक्त भोजन लें। जिसमें शाकाहार में मोटी दालें, सोयाबीन की सब्जी जैसे खानपान और मांसाहार में अंडे, मछली, मीट, चिकन का इस्तेमाल करें- तली भूने खाद्य पदार्थों से परहेज करें- हृदय संबंधी दिक्कत होने पर तत्काल नजदीकी विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं
विस्तार
राजधानी दून और आसपास के कुछ इलाकों में मंगलवार को हल्के बादल छाये रह सकते हैं। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार अन्य इलाकों में मौसम सामान्य रहेगा।
छह डिग्री पहुंचा न्यूनतम पारा, बढ़ी ठंड
वहीं हरिद्वार में सोमवार को मौसम ने अचानक करवट बदली। पूरे दिन बादल छाए रहने से शाम को न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इससे काफी ठंडी हवाएं चलीं। आद्रता 95 फीसदी पहुंचने से मंगलवार को बूंदाबांदी की संभावना है। बारिश होते ही यहां कड़ाके की ठंड शुरू हो जाएगी। मौसम विभाग के ऋतु आलोकशाला के शोध पर्यवेक्षक नरेंद्र रावत के मुताबिक सोमवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम छह डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। नरेंद्र रावत ने बताया कि मंगलवार को बूंदाबांदी हो सकती है।
डॉक्टर दे रहे हैं, एहतियात बरतने की सलाह
ठंड के मौसम में लोगों में हृदय संबंधी दिक्कत बढ़ रही हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में हृदयरोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। ठंड से शरीर में आने बदलाव से हृदयाघात (हार्ट अटैक) का खतरा भी रहता है। ऐसे में डॉक्टर ठंड के मौसम में विशेष एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमर उपाध्याय ने बताया कि सर्दियों के मौसम में वातावरण में तापमान कम हो जाता है। इससे शरीर के तामपान में भी बदलाव होने लगता है। ठंड से धमनियों में संकुचन-सिकुड़न से धड़कन बढ़ने लगती है। स्ट्रेस (तनाव) वाले हार्मोंस का स्तर बढ़ने से ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। जिसके कारण शरीर के विभिन्न अंगों तक रक्त को पंप करने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करने की जरूरत होती है।
इसके अलावा ठंड के मौसम के दौरान बाहर का तापमान कम होने से शरीर की गर्मी को बनाए रखने में परेशानी पैदा होने लगती है। जो हृदय की रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुंचा सकती है। डॉ. अमर उपाध्याय ने बताया कि जिन्हें हृदय संबंधी बीमारी नहीं उनमें भी ठंड में हृदयाघात का खतरा रहता है। ठंड में आमतौर पर फेफड़ों में संक्रमण बढ़ने का भी खतरा रहता है। इससे सांस फूलने लगती है। इस वजह से हृदय पर दबाव बढ़ जाता है। सर्दियों में जब तापमान गिरता है, तो शरीर की अपनी गर्मी को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। जिन लोगों को पहले से ही हृदय रोगों की समस्या है, या जिनको पहले हार्ट अटैक हो चुका है, उन्हें ऐसे मौसम में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। सर्दी के मौसम में शरीर की ऑक्सीजन की जरूरत भी बढ़ जाती है। हृदय को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण भी दिल के दौरे का जोखिम बढ़ जाता है।