फूल सिंह बिष्ट राजकीय महाविद्यालय लम्बगांव, टिहरी गढ़वाल की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन का आरंभ स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं द्वारा सूर्य नमस्कार एवं विश्व शांति हेतु प्रार्थना के साथ किया गया।
इसी क्रम में स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं ने अधिग्रहित ग्राम पिपलोगी के महेड देवता मंदिर परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया एवं परिसर के चारों ओर उगी हुई कंटीली खर-पतवार, लिप्टन की झाड़ियों को साफ किया तथा फूलों का पौधारोपण कर धरती को स्वच्छ व सुन्दर बनाए रखने के लिए “पेड़ लगाओ प्रकृति बचाओ” का संदेश दिया।
तत्पश्चात जलकुर नदी के तट पर व्यापक रूप से व्याप्त प्लास्टिक एवं गंदगी का उन्मूलन किया।
इस अवसर पर स्वयंसेवियों ने “नदी बचाओ सभ्यता बचाओ” का नारा देते हुए नदी को जानो और उसे निर्मल व निर्बाध बनाए रखने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया।
कार्यक्रम के बौद्धिक सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. मनवीर सिंह कण्डारी (असि. प्रोफ. जन्तु विज्ञान) ने “जैव-विविधता के संरक्षण एवं संवर्द्धन में स्वयंसेवियों की भूमिका” विषय पर छात्र-छात्राओं को व्याख्यान दिया तथा जल-जंगल-जमीन से प्राप्त संसाधनों को संरक्षित करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखंड के प्राकृतिक स्रोतों को सहेजने एवं पशु-पक्षियों एवं जलीय जीवों के प्राकृतिक निवास स्थलों में हस्तक्षेप न करने की अपील की तथा जैवमंडल की विभिन्न संकल्पनाओं पर प्रकाश डाला।
बौद्धिक सत्र में द्वितीय मुख्य वक्ता गणित के असिस्टेंट प्रोफेसर श्री मयंक रहे। उन्होंने “डिजिटल इंडिया : विकसित भारत की ओर बढ़ते कदम” विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सरकार के इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए युवाओं को आगे आना होगा और डिजिटल साक्षरता के लिए सभी को प्रेरित करना होगा।
उन्होंने कहा कि ऐसा करने से भारतीय नागरिक भ्रष्टाचार, साइबर अपराध एवं वित्तीय धोखाधड़ी से बच पाएंगे तथा राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर पाएंगे।
बौद्धिक सत्र की अध्यक्षता NSS कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शुभम उनियाल ने की एवं बौद्धिक सत्र का संचालन क्रमशः महाविद्यालय की प्राध्यापिका श्रीमती मयनी चौधरी एवं श्रीमती प्रियंका डिमरी ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के स्वयंसेवी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।