Khabar Ganga Kinare Ki
Breaking Newsउत्तराखंडस्वास्थ्य

एम्स ऋषिकेश में “पोस्ट-कोविड वेलनेस: उभरती चुनौतियां- सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं और समाधान ” विषय पर वेबिनार का आयोजन।

एम्स ऋषिकेश के सोशल आउटरीच सेल एवं रोटरी ऋषिकेश सेंट्रल के संयुक्त तत्वावधान में “पोस्ट-कोविड वेलनेस: उभरती चुनौतियां- सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं और समाधान ” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।

संस्थान के लेक्चर थियेटर में आयोजित वेबिनार में एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड की निदेशक डा. सरोज नैथानी, संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. अश्वनी कुमार दलाल व सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो.वर्तिका सक्सेना, कार्यक्रम संयोजक डॉ. संतोष कुमार, सह संयोजक राखी मिश्रा व रोटरी क्लब ऋषिकेश सेंट्रल के अध्यक्ष संजय सकलानी ने विशेषरूप से प्रतिभाग किया।

 

बताया गया कि आयोजन का उद्देश्य कोविड से ग्रसित रोगी में बीमारी से उबरने के बाद भी कोविड संक्रमित व्यक्ति में कुछ लक्षण व परेशानियां देखी गई हैं, ऐसे में यदि यह लक्षण सात हफ्ते से भी अधिक समय तक रहते हैं, तो इसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम कहते हैं।

वेबिनार में विशेषज्ञों ने पोस्ट कोविड के समय में अपने आपको शारीरिक, मानसिक व सामजिकतौर पर स्वस्थ रखने विषय पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर निदेशक एम्स प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने कहा कि कोविड महामारी के समय का संघर्ष ( चिकित्सा व जनता ) तथा कोविड होने के उपरांत लोगों में सांस फूलने, मानसिक तनाव जैसे लक्षण देखने को मिले हैं, उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह की कार्यशाला के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों से ग्रसित लोगों को लाभ मिलेगा।

संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने कहा कि कोविड के इस संकटकाल में यदि पूर्व में संक्रमित रहे व्यक्तियों को अभी भी किसी तरह की समस्या हो रही है तो उन्हें बीमारी के लक्षणों के ज्यादा बढ़ने पर चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।

 

साथ ही उन्होंने इस तरह के आयोजनों को महत्वपूर्ण बताते हुए रोटरी ऋषिकेश सेंट्रल के साथ जुड़कर इस मुहिम से जनता को पोस्ट कोविड संबंधित समस्याओं को लेकर जागरुक करने को अच्छा प्रयास बताया।
नेशनल हेल्थ मिशन उत्तराखंड की मिशन निदेशक सरोज नैथानी ने पोस्ट कोविड लक्षणों को सही तरह पहचानने और उनके बारे में लोगों को जागरुक करने में आशा कार्यकत्री व ए.एन.एम की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
वेबिनार में सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सेना द्वारा कोविड-19 से संक्रमित युवती और महिलाओं मे होने वाली बीमारियां के संक्रमण के पहचान, उपचार और बचाव के बारे में बताया व परिवार के साथ-साथ देश के समृद्ध विकास को सुनिश्चित करने में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा की।
पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. गिरीश सिंधवानी ने पोस्ट कोविड के बाद फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के साथ साथ लंबे समय से सांस फूलना, खांसी का होना,रात में अचानक सांस का फूलना आदि समस्या के बाबत जानकारियां दी, उन्होंने कहा कि फेफड़ों को मजबूत करने के लिए इम्युनिटी बूस्टर का उपयोग नहीं करना चाहिए।

उन्होंने फेफड़ों की मजबूती के लिए नित्य व्यायाम व टहलने का सुझाव दिया।
जनरल मेडिसिन विभाग के अपर आचार्य डॉ. रविकांत द्वारा बताया गया कि कोविड-19 के दौरान डायबिटीज, हाइपरटेंशन, लकवे जैसी बीमारी काफी देखी गई हैं।

उन्होंने बताया कि हमें अपने खानपान का ध्यान रखना चाहिए। पोस्ट कोविड के बाद विटामिन -डी में कमी आई हैं, साथ ही कोविड-19 के पश्चात लोगों में कमजोरी, थकान, हाथ पैर में झनझनाहट जैसे लक्षण देखने को मिले हैं।

ऐसे लक्षण पाए जाने पर मरीजों को आवश्यक जांच करानी चाहिए जिससे बीमारी का ठीक समय से सही उपचार किया जा सके।
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. अनिंद्या दास द्वारा बताया गया कि कोविड -19 बीमारी से लोगों को काफी मानसिक आघात पहुंचा है। उन्होंने बताया कि इससे युवाओं में एकाग्रता की कमी, डिप्रेशन की समस्या सबसे अधिक देखने को मिली है।

इस तरह की बीमारी से उपचार के लिए चिकित्सकों से परामर्श के साथ साथ नियमित योग, व्यायाम करना आवश्यक है। साथ ही ग्रसित मरीजों को मोबाइल, स्क्रीन का उपयोग निहायत कम करना चाहिए।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि पोस्ट कोविड के बाद बच्चों में आंखें लाल रहने, बुखार, पेट दर्द जैसे समस्याएं देखी गई हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह की शिकायतों से घबराने की आवश्यकता नहीं है। बच्चों में इस तरह की समस्याएं सामने आने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें और साथ ही सोशल डिस्टेंस और मास्क का उपयोग करें।
सोशल आउटरीच सेल के नोडल ऑफिसर एवं सीएफएम विभाग के सह आचार्य डॉ. संतोष कुमार के संचालन में आयोजित वेबिनार में उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वालों लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना व उचित चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों तक पहुंचाने के लिए दूरदर्शन, देहरादून का सहयोग लिया जाएगा, जिससे अधिकाधिक लोग इससे लाभान्वित हो सकें।

इस अवसर पर संस्थान के उपनिदेशक ले. कर्नल अच्युत रंजन मुखर्जी, डीन नर्सिंग डा. स्मृति​ अरोड़ा, नर्सिंग फैकल्टी राखी मिश्रा, सोशल आउटरीच सेल के अमनदीप नेगी, संदीप, त्रिलोक, पंकज के अलावा एमपीएच, नर्सिंग स्टूडेंट्स व रोटरी क्लब ऋषिकेश सेंट्रल के सदस्य मौजूद थे।

Related posts

फैसला: दिव्यांग विद्यार्थियों को परीक्षा में मिलेगा अतिरिक्त समय:डॉ धन सिंह…

cradmin

उत्तरकाशी जनपद में चलाया जा रहा है राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम*

khabargangakinareki

बड़ी खबर:- टिहरी पुलिस की बड़ी कार्यवाही, 19 पेटी के साथ अभियुक्त गिरफ्त में।

khabargangakinareki

Leave a Comment