अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश द्वारा आयोजित ’मां पूर्णागिरी स्वास्थ्य चेतना यात्रा’ के दौरान जनपद उधमसिंह नगर के विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं के लिए स्वच्छता संबन्धी जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
वाई-20 कंसल्टेंसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने पर जोर दिया गया।
उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल स्थित जनपद उधमसिंह नगर के नदन्ना और सदासारिया गांवों में आयोजित जन-जागरुकता शिविर के दौरान स्कूली बच्चों और क्षेत्र के युवाओं को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करते हुए बताया गया कि जीवन में अधिकांश बीमारियां दूषित खाद्य पदार्थ, दूषित पेयजल के सेवन से और साफ-सफाई के अभाव में ही पनपती हैं।
विभिन्न स्थानों तथा स्कूलों में आयोजित कार्यक्रमों में आम लोगों को साफ-सफाई का महत्व बताकर स्वच्छ भारत जागरुकता अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया गया।
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने अपने संदेश में कहा कि अपने आस-पास स्वच्छता बनाए रखने, प्रदूषण मुक्त वातावरण और शहरों, कस्बों, गांवों तथा शहरों में हरित क्रांति को साकार करने के लिए युवाओं को स्वच्छता मिशन में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
अभियान के संरक्षक चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए मेडिकल, नर्सिंग और अन्य काॅलेजों के छात्र-छात्राओं द्वारा सक्रिय भूमिका निभाने की बात कही।
शिविर की समन्वयक उप चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. पूजा भदौरिया ने बताया कि इस दौरान जागरुकता कार्यक्रम में पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से स्कूली बच्चों को साफ-सफाई का महत्व बताया गया।
साथ ही सेनेटाइजर व साबुन का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर अस्पताल प्रशासन के डाॅक्टर लेविन राव दसारी, इंटर्न डॉ. राजेंद्र राठौर और सीनियर नर्सिंग ऑफिसर राम कुमार ने आम लोगों को मलेरिया की रोकथाम, हाथ की स्वच्छता बनाए रखने व ठीक ढंग से हाथों धोने की प्रक्रिया, सूखे और गीले कचरे के रूप में अपशिष्ट पदार्थों का पृथकीकरण करने आदि विषयों पर विभिन्न लाभदायक जानकारियां दी। इस अवसर पर नर्सिंग स्टाफ सहित कई अन्य लोग शामिल रहे।