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ब्रेकिंग:- एम्स ऋषिकेश यूरोलॉजी विभाग एवं टेलिमेडिसिन सोसाईटी ऑफ इंडिया उत्तराखंड स्टेट चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में अंग प्रत्यारोपण विषय पर दो दिवसीय सीएमई रविवार को हुई संपन्न।

एम्स ऋषिकेश यूरोलॉजी विभाग एवं टेलिमेडिसिन सोसाईटी ऑफ इंडिया उत्तराखंड स्टेट चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में अंग प्रत्यारोपण विषय पर आयोजित दो दिवसीय सीएमई रविवार को संपन्न हो गई।

सीएमई में देशभर के विभिन्न मेडिकल संस्थानों से जुटे अंग प्रत्यारोपण विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया के लिए कैडेवर्स पर मानव अंगों को निकालने का लाइव डैमो का प्रदर्शन किया।

इसके साथ ही उन्होंने डोनेट बॉडी से अंगों को निकालने और प्रत्यारोपण विषय पर व्याख्यान दिए और अपने लंबे अनुभवों को भी प्रतिभागियों से साझा किया।

सीएमई के अंतर्गत जीवन के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण अंग प्रत्यारोपण विषय पर एक स्पेशल मूवी आई जिंदगी का प्रदर्शन भी किया गया, जिसके माध्यम से जनजागरुकता के मद्देनजर अंगदान को बढ़ावा देने व मनुष्य के विभिन्न अंगों के प्रत्यारोपण से जुड़े कई अहम और तकनीकि जानकारियां दी गई।

एम्स परिसर में यूरोलॉजी विभाग व टेलिमेडिसिन सोसाईटी ऑफ इंडिया टीएसआई उत्तराखंड स्टेट चैप्टर की अंग प्रत्यारोपण विषयक सीएमई कम वर्कशॉप का रविवार को दूसरे दिन मुख्य अतिथि डीजीएचएस डॉ. अतुल गोयल व विशिष्ट अतिथि डीजी हेल्थ उत्तराखंड डा. विनीता शाह ने विधिवत शुभारंभ किया।

टीएसआई की अध्यक्ष एवं संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह की देखरेख में आयोजित कार्यशाला में देशभर के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के अंग प्रत्यारोपण विशेषज्ञों ने व्याख्यानमाला के माध्यम से प्रतिभागियों के समक्ष अपने अनुभव साझा किए और अंग प्रत्यारोपण से जुड़ी विभिन्न वैज्ञानिक व तकनीकि जानकारियों से आगंतुकजनों को अवगत कराया।

इस दौरान बतौर मुख्य वक्ता डॉ. प्रांजल मोदी, प्रो. सुनील श्रोफ व डॉ. आदित्य प्रधान ने व्याख्यान दिए। संस्थान के यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर मित्तल ने बताया कि इसके साथ ही कार्यशाला के अंतर्गत एम्स के एनोटॉमी विभाग के डाइसेक्शन हॉल में कैडेवर रिट्रिवल का लाइव प्रदर्शन किया गया। जिसमें एनोटॉमी विभाग के प्रोफेसर मुकेश सिंघला व डॉ. मृणाल का विशेष सहयोग रहा। इस दौरान मद्रास मेडिकल मिशन हॉस्पिटल चेन्नई के यूरोलॉजिस्ट व ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. सुनील श्रोफ, अहमदाबाद के वरिष्ठ ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. प्रांजल मोदी व डॉ. आदित्य प्रधान ने डैमो दिखाकर कैडेवर से शरीर से ऑर्गेन निकालने की संपूर्ण प्रक्रिया बताई। जिसका इन हाउस व विभिन्न माध्यमों से लाइव प्रदर्शन भी किया गया। इस दौरान तीनों विशेषज्ञ चिकित्सकों ने डोनेट बॉडी से किडनी, लीवर व पेनक्रियाज निकालने के बारे में विस्तापूर्वक जानकारी दी।
संस्थान के यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. अंकुर मित्तल ने बताया कि अंग प्रत्यारोपण एक जटिल प्रक्रिया है, लिहाजा इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से विशेषज्ञों व लंबे अरसे से इस कार्य को करते आ रहे विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुभव का सभी को लाभ प्राप्त होता है।
सीएमई के अंतर्गत एम्स ऑडिटोरियम में जीवन के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण अंग प्रत्यारोपण विषय पर आई जिंदगी नामक विशेष मूवी का प्रदर्शन किया गया, जिसके माध्यम से जनजागरुकता के मद्देनजर मनुष्य के विभिन्न अंगों के प्रत्यारोपण से जुड़े कई अहम और तकनीकि जानकारियां दी गई। मूवी के माध्यम से जोर दिया गया कि अमूल्य जीवन को बचाने के लिए विभिन्न अंगों का स्वैच्छिक दान कितना महत्वपूर्ण है। अंगदान विषयक मूवी के प्रदर्शन के दौरान एम्स ऑडिटोरियम तीन सौ से अधिक प्रतिभागियों से खचाखच भरा हुआ था, जिसमें लोगों ने अंगदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से तैयार की गई मूवी की सराहना की।
सीएमई में दिल्ली एम्स के ट्रांसप्लांट सर्जन प्रो. वीके बंसल, टीएसआई के राष्ट्रीय सचिव डॉ. मुर्थि रेमिला, टीएसआई उत्तराखंड स्टेट चैप्टर की उपाध्यक्ष डा. शालिनी राजाराम, नोटो के निदेशक डॉ. अनिल कुमार, डॉ. दीपक गुप्ता और डॉ. कृष्ण कुमार, एम्स यूरोलॉजी विभाग के डॉ. ए.के. मंडल, डॉ. विकास पवार, डॉ. पीयूष गुप्ता ने भी प्रतिभाग किया।

सीएमई में एम्स संस्थान की डीन प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव मित्तल, प्रो. एनके भट, प्रो. अमित गुप्ता, डॉ. मीनाक्षी धर, डॉ. रोहित गुप्ता, डॉ. रजनीश कुमार अरोड़ा, डा मृत्युंजय कुमार, डॉ गौरव जैन, डॉ. निर्झर राज, डा. नीति गुप्ता, डॉ. सरोन कंडारी, ट्रांसप्लांट को- ऑर्डिनेटर डा. देशराज सिंह सोलंकी, डॉ. हर्षित, ज्वाइन सेक्रेट्री विनीत कुमार, डा. राज राजेश्वरी, मनीष शर्मा आदि शामिल थे।
संस्थान के एनोटॉमी, जनरल सर्जरी, एनेस्थिसिया, ट्रॉमा सर्जरी एंड क्रिटिकल केयर, इटरनल मेडिसिन, सीटीवीएस, गैस्ट्रो एंट्रोलॉजी, जेरिट्रिक मेडिसिन, न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, जीआई सर्जरी, नेत्र रोग विभाग, नेफ्रोलॉजी, कॉलेज ऑफ नर्सिंग आदि विभागों ने कार्यशाला के आयोजन में सहयोग प्रदान किया।

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