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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर ऋषिकेश में यूथ वेलनेस प्रोग्राम “युवा जोश ” पर अत्यधिक आकर्षक और व्यवहारिक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर आवास -विकास एवं डी. एस. बी. इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ऋषिकेश में यूथ वेलनेस प्रोग्राम “युवा जोश ” पर अत्यधिक आकर्षक और व्यवहारिक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया।

साथ ही बताया गया कि भविष्य में यह कार्यक्रम ऋषिकेश एवं आस -पास के सभी स्कूल एवं कॉलेज में आयोजित किए जाएंगे।

यूथ वेलनेस प्रोग्राम “युवा जोश ” के आयोजन का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और विद्यार्थियों और व्यापक समुदाय के जीवन में इसके गहन महत्व पर प्रकाश डालना था।

सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभागाद्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना ने युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े इस कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि निश्चित तौर पर युवा पीढ़ी के मानसिक स्वास्थ्य में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और युवा पीढ़ी तनावमुक्त रहकर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होगी।

कार्यक्रम का आयोजन मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार ने सत्र का नेतृत्व किया और मानसिक कल्याण के विभिन्न पहलुओं की व्यापक खोज के माध्यम से मार्गदर्शन किया।

डॉ. संतोष कुमार का सत्र इस विषय से जुड़ी अति महत्वपूर्ण जानकारियों वाला और जीवन में मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अहम रहा।

जिसमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और भावनात्मक कल्याण सहित समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल थी।

इन तमाम पहलुओं से रूबरू कराने में उनकी विशेषज्ञता ने सभी उपस्थित लोगों पर स्थायी प्रभाव छोड़ा, जिससे हमारे समग्र स्वास्थ्य के अभिन्न अंग के रूप में मानसिक स्वास्थ्य की हमारी समझ समृद्ध हो सके।

सत्र में डॉ. संतोष कुमार के सत्र का एक अहम केंद्र बिंदु तनाव प्रबंधन का महत्वपूर्ण विषय रहा।

आज की दौड़धूप भरी दिनचर्या में जहां शैक्षणिक दबाव, सामाजिक चुनौतियां और व्यक्तिगत अपेक्षाएं विद्यर्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती हैं, ऐसे में हमारे लिए प्रभावी तनाव प्रबंधन तकनीक सीखना नितांत जरुरी हो गया है।

डॉ. संतोष कुमार ने छात्रों से इन तमाम तरह के तनावों से निपटने और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में मददगार साबित होने वाली व्यावहारिक रणनीतियां साझा कीं।

इसके अतिरिक्त, सत्र में चिंता से निपटने की रणनीतियों के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की गई।

पठन-पाठन व कॅरियर को लेकर चिंता छात्रों के बीच आम बात है, मगर इसके प्रभावी प्रबंधन की समझ उनके मानसिक को बहुत अधिक बेहतर कर सकता है।

डॉ. संतोष कुमार ने छात्रों को चिंता को पहचानने और उसका समाधान करने, स्वस्थ और अधिक संतुलित मानसिकता को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि और उपकरण प्रदान किए।

समाज में छात्रों के बीच मादक द्रव्यों के सेवन, विशेषरूप से शराब और तंबाकू की प्रवृत्ति आम हो चली है, लिहाजा डॉ.संतोष कुमार के सत्र में इन प्रवृत्तियों के दुष्प्रभावों के बाबत जानकारी दी मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम पर शीघ्र हस्तक्षेप और शिक्षा की आवश्यकता को रेखांकित किया।

वहीं उन्होंने मादक द्रव्यों के सेवन में लिप्त किशोरों के बीच आत्मघाती प्रवृत्ति के चिंताजनक बिंदुओं को इंगित किया और जरूरतमंद लोगों के लिए पर्याप्त सहायता और संसाधन प्रदान करने की तात्कालिकता पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर आवास -विकास और डी. एस. बी. इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के अध्यापक ,एवं एम्स ऋषिकेश से डॉ. आदित्या, संदीप सिंह आदि मौजूद रहे।

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