Khabar Ganga Kinare Ki
उत्तराखंड

Uttarakhand News: उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता की मुहिम ‘लव फॉर फाउंटेन पेन’ उत्तराखंड पहुंची

Uttarakhand News: उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता की मुहिम ‘लव फॉर फाउंटेन पेन’ उत्तराखंड पहुंची

इंटरनेट, मोबाइल औऱ कंप्यूटर के इस ज़माने में अगर आप फाउंटेन पेन की बात करें, तो कुछ अजूबा सा लगता है। खासकर उस नई पीढ़ी के लिए जिसने शायद कभी फाउंटेन पेन देखा भी न हो। स्कूलों में भी अब जेल पेन या बॉल प्वाइंट पेन का ही इस्तेमाल होता है।

लेकिन ऐसे वक्त में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाले रक्षक वर्ल्ड फाउंडेशन ने एक जबरदस्त मुहिम चला रखी है। इस मुहिम के तहत फाउंटेन पेन और स्याही से लिखने की आदत विकसित करने और ‘यूज़ एंड थ्रो’ वाले प्लास्टिक पेन के कबाड़ से बचने का संदेश देते हुए नई पीढ़ी को इसके फायदे बताए जा रहे हैं। साथ ही नई पीढ़ी पर्यावरण बचाने की मुहिम में कोई न कोई एक संकल्प लेकर खुद को उस दिशा में आगे बढ़ा रही है।

इस मुहिम की परिकल्पना रक्षक वर्ल्ड फाउंडेशन के संस्थापक और जाने माने पत्रकार रहे संजय वोहरा ने की है। उन्होंने इसके लिए पूरे देश में मोटरसाइकिल से घूम-घूम कर तमाम सुदूर इलाकों में नई पीढ़ी के साथ काफी वक्त बिताया।

संजय वोहरा बताते हैं कि हाल ही में उन्होंने नैनीताल में स्कूली बच्चों के बीच पर्यावरण और पक्षियों के संबंधित विषयों पर कई कार्यशालाएं आयोजित कीं। इस दौरान बड़ी संख्या में बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण और वनों के विकास में पक्षियों की भूमिका को लेकर चित्रकारी की। साथ ही पर्यावरण के महत्व को समझने के साथ छात्र छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी ली।

रामगढ़ ब्लॉक के नथुवाखान स्थित एस एस नेगी राजकीय इंटर कॉलेज में हुई इस कार्यशाला से पहले ऐसी कार्यशालाएं चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर के पुलवामा औऱ दिल्ली में भी हो चुकी हैं। इस दौरान छात्रों और शिक्षकों को परंपरागत फाउंटेन पेन व स्याही के सेट भी बांटे गए ताकि बॉल प्वाइंट पेन का इस्तेमाल कम हो सके।

संजय वोहरा कहते हैं कि फाउंटेन पेन दरअसल एक ऐसा प्रतीक भी है, जो किसी भी सामान को बार-बार इस्तेमाल करने या किसी वस्तु का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की प्रेरणा देता है।
साथ ही एक जरूरी संदेश का भी यह प्रतीक है कि आज के ज़माने में रिश्तों में भी ‘यूज़ एंड थ्रो’ की जो प्रवृत्ति है, उसे खत्म किए जाने की जरूरत है। रिश्तों की गरिमा और संवेदनशीलता बनाकर रखी जानी चाहिए ताकि इस उपभोक्तावादी संस्कृति में मानवीय मूल्यों को बरकरार रखा जा सके।

Related posts

ब्रेकिंग:- राकेश राणा ने लगाया बड़ा आरोप, प्रदेश में भाजपा सरकार और संगठन के लोग ही महिलाओं का कर रहे शोषण ।

khabargangakinareki

आम जनमानस को एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से वर्ल्ड एंटिमाइक्रोबाइल अवेयरनेस वीक के दूसरे दिन इस संस्थान द्वारा मैराथन दौड़ का किया गया आयोजन।

khabargangakinareki

ब्रेकिंग:-कन्धे से निकाला 6.6 किलो का टयूमर – 2 साल से थी सूजन, दर्द ज्यादा बढ़ने पर एम्स पहुंचा मरीज।

khabargangakinareki

Leave a Comment