Uttarkashi Tunnel: Navayuga, जो इसे निर्मित कर रही है, उनको Silkiara टनल से 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान के खर्च का बोझ उठाना होगा। इसके लिए नेशनल हाईवेज और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) खर्च के विवरण की तैयारी कर रही है।
12 November को सुबह 5:30 बजे, Uttarkashi के Silkiara टनल में गिरते समय 41 श्रमिकों को फंसा दिया गया था। उन्हें बाहर निकालने के लिए एक विशाल परिचारा शुरू की गई थी। पूरे देश से आई 12 से अधिक एजेंसियों, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की टीमें ने 17 वें दिन इस ऑपरेशन को शुरू किया, लेकिन इस समय अमेरिकन आगर मशीन्स, प्लाज्मा कटर्स, लेजर कटर्स, ड्रिलिंग मशीन्स, रोबोट्स सहित कई मशीनें बचाव के लिए बुलाई गईं।
इनमें से कई मशीनें, Chinook helicopters और कई अन्य राज्यों से उड़ान से लाई गई थीं। इस पर विशाल खर्च की आशंका है। NHIDCL अब इस सम्पूर्ण बचाव ऑपरेशन में हुए खर्च के विवरण को जमा कर रहा है। निदेशक Anshu Manish Khalkho ने कहा कि कंपनी को इस अभियान में आये खर्च का बिल चुकाना होगा। हालांकि, इस अभियान पर कितना खर्च हुआ है यह अब तक स्पष्ट नहीं है।
श्रमिकों ने अंदर से भी कचरा हटाया था।
Silkiara टनल में फंसे श्रमिकों ने पहली बार में खुद ही कचरा हटाने की कोशिश की थी। इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दो श्रमिक कचरा हटा रहे हैं और उनके अन्य सहकर्मी वहां खड़े हैं और उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं। हालांकि, जब उन्हें खतरा महसूस हुआ, तो उन्होंने पीछे हट लिया।