कार्यक्रम परामर्शी समिति (पीएसी) की बैठक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सभागार कक्ष में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि एक बच्चे के जीवन में एक शिक्षक का उतना ही महत्व है जितना शिक्षक के जीवन में डायट केन्द्र का है क्योंकि डायट की स्थापना राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार की गयी है।
वहीं उन्होंने कहा कि डायट के कार्य उच्च गुणवत्ता पूर्वक होंगे तो शिक्षा का स्तर बढने से कोई रोक नही सकता, उन्होने कहा कि बच्चों के सर्वागीण विकास के उद्देश्य से विद्यालयों में बाल केंद्रित एवं रूचिपूर्ण शिक्षा का वातावरण विकसित करने के लिए प्रत्येक शिक्षक की व्यवसायिक दक्षताओं एवं मूल्यों का संवर्द्वन कर शिक्षा के क्षेत्र की गुणवत्ता बढाई जा सकती है।
बैठक में पीपीटी के माध्यम से विगत वर्ष का कार्य विवरण प्रस्तुत किया गया जिसमें बताया गया कि कक्षा 01 से 08 तक के विभिन्न स्कूली छात्र-छात्राओं को गणित स्कील हेतु गत्ते व प्लास्टिक से बनाये गये उपकरणों से उनकी स्कील डेवलमेंट जैसे कार्य किये गये जिस पर जिलाधिकारी ने उन छात्रों की तुलना किसी अन्य स्कूल जिसने पूर्व में भाग न लिया हो से करने के निर्देश दिये।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि इस वर्ष का प्लान अभी से तैयार कर लें तथा जुलाई से प्लान पर कार्य करना प्रारम्भ करेंगे तो उसका परिणाम और अच्छा आयेगा।
उन्होंने डायट द्वारा तैयार किये गये प्लान टिहरी की विरासत पर कार्य करने पर कहा कि इसके साथ-साथ सफलता की कहानी जिस-जिस क्षेत्र में जो-जो सफल लोग हैं उनके सम्बन्ध में छात्रों को जानकारी भी दिलवाये ताकि जिस छात्र की जिस क्षेत्र में रूची हो वह अपना लक्ष्य उस तरफ बना सके।
वहीं उन्होंने निर्देश दिये कि जिन विद्यालयों में कुछ नया होता है तो उसका प्रचार-प्रसार मीडिया के माध्यम से भी करें जिस पर डायट कार्मिको द्वारा बताया गया है कि डायट का अपना एक यू-ट्यूब चैनल https://youtube.com/@diettehrigarhwaluttarakhand?si=4914ZEbitOICrYPQ
है जिसके माध्यम से भी समय-समय पर रोचक ज्ञानवर्धक जानकारी साझा की जाती है।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि इस वर्ष जनपद के सभी इण्टर कॉलेजों की सारणी तैयर कर विभिन्न विकास परक योजनाओ के भ्रमण हेतु छात्र-छात्राओं का दल तैयार करें तथा उन बच्चों को कृषि, उद्यान, बागवानी जैसे क्षेत्रों में कार्य कर रहे सफल किसानों के कार्यो का निरीक्षण भी करवायें।
यही नही इसके साथ ही जिला मुख्यालय पर एक वृह्द स्तर की कार्यशाला का आयोजन भी करायें जिसमें मुख्यतः शिक्षक, छात्र-छात्रायें एवं सफल लोग अनिर्वाय हों।
वहीं उन्होंने कहा कि समय की आवश्यकता के इस दौर में रोजगार उत्पन्न करना भी एक अति महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है इसके लिए भी छात्र-छात्राओं की समय-समय पर काउंसलिंग करायी जानी चाहिए क्योंकि आज छात्र जीवन में भी विजनरी युवाओं की भरमार है बस उस स्कील को उभारने की आवश्यकता है।
बता दें कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कार्यक्रम परामर्शी समिति (पीएसी) का मुख्य कार्य संस्थान के कार्यक्रमों व गतिविधियों के लिए परामर्श देना तथा उसकी समीक्षा करना है।
इस अवसर पर प्राचार्य डायट द्वारा परिसर हेतु सफाई कर्मी कम्प्यूटर संचालन व पुस्तकालय सम्बन्धी प्रस्ताव रखे जिस पर जिलाधिकारी द्वारा मानकों के अनुसार कार्य करने के निर्देश समिति के सदस्यों को दिये।
इस अवसर पर कुल 72.40 लाख रू. की धनराशि विभिन्न कार्य हेतु स्वीकृत की गयी।
केन्द्र में प्रशिक्षु छात्रों द्वारा एक सेल्पी प्वाईंट तैयार किया गया है जिस पर जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों द्वारा सेल्पी भी ली गई।
इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल, प्राचार्य हेमलता भट्ट, अजय कुमार चौरसिया, प्रमोद पैन्यूली, जगमोहन मखलोगा, राजेन्द्र प्रसाद बडोनी, देव सिंह भण्डारी, दिनेश चन्द्र, सरिता असवाल सहित डायट व विभिन्न शिक्षण संस्थानों के कार्मिक उपस्थित थे।