भविष्य कीआवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यमुनोत्री धाम के विस्तार को लेकर प्रशासन के स्तर से कार्रवाई तेज कर दी गई है।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने इस मुहिम की कमान संभालते हुए यमुनोत्री धाम में यात्रा सुविधा और सुरक्षा से जुड़ी अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए चिन्हित स्थलों का निरीक्षण कर अधिकारियों, मंदिर समिति के पदाधिकारियों एवं पंडा पुरोहितों के साथ विचार-विमर्श किया।
इस मौके पर प्रशासन के प्रस्ताव के अनुरूप सभी पक्षों ने यमुनोत्री में मंदिर परिसर को विस्तारित कर मंदिर से सटे क्षेत्र से सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों व निजी भवनों को हटाकर गरूड़ गंगा क्षेत्र में यात्री सुविधाओं एवं व्यावसायिक व आवासीय क्षेत्र का विकास करने पर सहमति जाहिर की है।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यमुनोत्री क्षेत्र का दो दिवसीय भ्रमण कर यमुनोत्री धाम का तेजी से सुनियोजित विकास करने की शासन-प्रशासन की प्रतिबद्धता एवं प्राथमिकता को जमीन पर उतारने के लिए यमुनोत्री पैदल मार्ग के साथ ही मंदिर परिसर व इससे जुड़े तटवर्ती क्षेत्रों और गरूड़ गंगा तथा अन्य निकटवर्ती क्षेत्रों का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने यमुनोत्री मंदिर परिसर का विस्तार किए जाने के संबंध में अधिकारियों, मंदिर समिति के पदाधिकारियों एवं पंडा-पुरोहितों के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श करते हुए कहा कि यमुनोत्री धाम में इस साल रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे हैं, जानकीचट्टी तक राष्ट्रीय राजमार्ग जल्दी डबल लेन हो जाएगा, जिससे यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की आमद कई गुना बढ जाने की संभावना है।
लिहाजा शासन-प्रशासन ने इस क्षेत्र में भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए तेजी से अपेक्षित अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने करने पर ध्यान केन्द्रित किया है। धाम की धारण क्षमता को बढाने के लिए बहुआयामी योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
मंदिर परिसर का विस्तार कर दर्शन व पूजन की बेहतर सुविधा विकसित करने तथा सुरक्षित व सुविधाजनक घाटों का निर्माण करने सहित परिसर क्षेत्र में स्तरीय यात्री सुविधाओं की व्यवस्था करने के साथ ही सुरक्षा के पहलुओं पर भी पर्याप्त ध्यान देने का निश्चय किया गया है। धाम के लिए रोपवे का निर्माण जल्द शुरू होने वाला है। खरसाली से होते हुए यमुनोत्री धाम तक वैकल्पिक पैदल मार्ग बनाए जाने की योजना है जिसके लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण करा लिया गया है।
धाम में हेलीपैड का निर्माण करने का भी प्रस्ताव है। धाम में सुरक्षा के लिए तटबंधों का निर्माण करने के साथ ही नदी के प्रवाह के लिए पर्याप्त स्थान छोड़े जाने और दोनों तटवर्ती क्षेत्रों को जोड़ने के लिए अनेक स्थानों पर पैदल झूला पुल बनाए जाने का भी प्रस्ताव है।
जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को धाम के विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं के प्रस्तावों पर तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रस्तावित योजनाओं के संबंध में सभी औपचारिकताओं को जल्द पूरा कर इन्हें शासन के विचारार्थ भेज दिया जाएगा।
जिलाधिकारी ने अपने भ्रमण के दौरान यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं यात्रियों के दर्शन हेतू चिन्हित स्थल, रोपवे टर्मिनल स्थल, प्रस्तावित हेलीपैड स्थल, यमुनोत्री धाम के वैकल्पिक मार्ग के अंतिम छोर एवं घोड़ा पड़ाव हेतु चिन्हित स्थल के साथ ही बाढ़ नियंत्रण हेतु तटबंध व घाट निर्माण ,चेंजिंग रूम एवं पैदल पुलों हेतु संभावित स्थलों का निरीक्षण कर इन परियोजनाओं के बारे में विचार-विमर्श किया।
इस मौके पर तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर परिसर के विस्तार और गरूड़ गंगा क्षेत्र में यात्री सुविधाओं एवं व्यावसायिक व आवासीय क्षेत्र का विकास करने पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि यमुनोत्री धाम के विकास के लिए प्रशासन के प्रयासों में पंडा समाज एवं स्थानीय लोग पूरा सहयोग प्रदान करेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने इस दौरान यमुनोत्री यात्रा के अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी में प्रस्तावित रिवर फ्रंट डवलपमेंट योजना, बाढ़ सुरक्षा हेतु तटबंध एवं टनल पार्किंग हेतु चिन्हित स्थल का निरीक्षण भी किया।
इस दौरान एसडीएम मुकेश चंद रमोला, अधिशासी अभियंता सिंचाई पुरोला पन्नी लाल, अधिशासी अभियंता लोनिवि बड़कोट मनोहर सिंह धर्मसत्तू, पूर्व उपाध्यक्ष मंदिर समिति यमुनोत्री पवन उनियाल, बागेश्वर उनियाल, सचिव पण्डा समिति लखन उनियाल, मनोहर उनियाल भी उपस्थित रहे।