एम्स ऋषिकेश की ARCUS 2024 के साथ BLS प्रशिक्षण में अग्रणीय भूमिका: निदेशक एम्स
-संस्थान में बेसिक लाईफ सपोर्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू
एम्स, ऋषिकेश में शुक्रवार को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा प्रामाणिक बेसिक लाईफ सपोर्ट (BLS) प्रशिक्षण कार्यशाला विधिवत शुरू हो गई। जिसमें देशभर से विभिन्न मेडिकल कॉलेजों व चिकित्सा संस्थानों के प्रतिनिधि प्रशिक्षण में हिस्सा ले रहे हैं।
वर्कशॉप का संस्थान की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और सीईओ प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने विधिवत शुभारंभ किया। कार्यशाला में डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, चिकित्सा शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रो. शालिनी राव विशेषरूप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर निदेशक एम्स ने बेसिक लाईफ सपोर्ट प्रशिक्षण की आवश्यकता को खासतौर से रेखांकित किया ।
प्रो. सिंह ने MBBS करिकुलम के एक अभिन्न अंग के रूप में BLS प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि हर मेडिकल स्टूडेंट को बेसिक लाईफ सपोर्ट में दक्षता होनी चाहिए।
उन्होंने देश के हर नागरिक को BLS प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किए जाने पर जोर दिया। निदेशक एम्स प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि यह केवल एक स्किल नहीं, बल्कि खासकर चिकित्सा पेशेवरों की एक नैतिक व सामाजिक जिम्मेदारी है।
लिहाजा एम्स, ऋषिकेश की ओर से इस दिशा में पहल की है, जिसमें संस्थान इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की अगुवाई करते हुए न सिर्फ क्षेत्र वरन उत्तराखंड व अन्य प्रांतों के मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी समय- समय पर प्रशिक्षित कर रहा है। जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे भविष्य के डॉक्टर्स न केवल नॉलेजबल हैं बल्कि आपात स्थितियों में जीवन बचाने के लिए इक्विप्ड भी हैं।
कार्यशाला के समन्वयक डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि संचालित बेसिक लाईफ सपोर्ट (BLS) वर्कशॉप जीवन-रक्षक तकनीकों में व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई है।
वर्कशॉप में देशभर के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस स्टूडेंट्स प्रतिभाग कर रहे हैं।
कार्यशाला में सीपीआर (CPR) देने, ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर्स (AED) का उपयोग करने और एयरवे ऑब्स्ट्रक्शंस का मैनेजमेंट करने में हैंड्स-ऑन एक्सपीरियंस शामिल है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन से सर्टिफिकेशन इस वर्कशॉप को पार्टिसिपेंट्स के मेडिकल करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनाता है।