Khabar Ganga Kinare Ki
Breaking Newsआध्यात्मिकउत्तराखंडटिहरी गढ़वालदिन की कहानीविशेष कवरस्टोरी

जब सौभाग्य का होता है उदय तभी भागवत कथा मिलती है सुनने को।

*जब सौभाग्य का उदय होता है तभी भागवत कथा सुनने को मिलती है ।

*श्रीमद् भागवत कथा मात्र सुनने से ही जीवन धन्य हो जाता है आचार्य ब्रह्मानंद*

प्रताप नगर प्रखंड के पट्टी उपली रमोली का एक अभिन्न अंग जो अब उत्तरकाशी जनपद में शामिल हो गया है मैं बिगत दिनों से श्रीमद् भागवत कार्यक्रम चल रहा है कथावाचक आचार्य ब्रह्मानंद उनियाल ने कहा कि भगवान सत्य स्वरूप हैं।

चित्त स्वरूप हैं,आनंद स्वरूप हैं, दैहिक, देविक, भौतिक तापों का हरण करने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि सूतजी महाराज ने ८८ हजार ऋषियों को नैमीशारण्य में भागवत कथा सुनाई थी, वृंदावन में भक्ति का महत्व है।

ज्ञान वैराग्य नहीं है, नारद जी का अवतारों में तीसरा अवतार है। उन्होंने कहा कि भागवत का अर्थ है भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और तारण।

प्रेत योनि से मुक्त करने वाली भागवत कथा है। धुंधकारी और गौकर्ण की कथा बताते हुए उन्होंने कहा कि आत्मदेव ब्राह्मण की कोई संतान नहीं थी।

निराश ब्राह्मण को एक संत ने फल दिया, कहा पत्नी को खिलाना लाभ होगा।

वहीं उसने फल स्वयं न खाकर गाय को दे दिया और पति से झूठ बोल दिया।

समय पूर्ण होने पर प ि- धुंधली ने अपनी बहन का पुत्र लिया और स्वयं का बताकर नाम धुंधकारी रखा।

उसी समय गाय को भी पुत्र हुआ, जिसका नाम गौकर्ण रखा गया।

धुंधकारी अत्याचारी, अहंकारी था जबकि गौकर्ण विद्वान था। धुंधकारी से परेशान ब्राह्मण वन गमन कर गए।

मां धुंधली ने परेशान होकर आत्महत्या कर ली, वही धुंधकारी की वेश्याओं ने निर्मम हत्या कर दी।

असमय मौत ने उन्हें प्रेत बना दिया, परिजनों की मुक्ति की आकांक्षा से गौकर्ण ने भागवत सप्ताह यज्ञ कराया। जिससे उन्हें प्रेत योनि से मुक्ति मिली।

जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने ग्राम वासियों को बधाई देते हुए कहा कि भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है।

इसे श्रीमद्भागवतम् या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है।

इसके अतिरिक्त इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है।

उपरोक्त कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रेखा असवाल डॉक्टर वीजेन्द्र असवाल, अचार्य जगदीश प्रसाद राज्य आंदोलनकारी देवी सिंह पवार ,युद्धवीर राणा, रोशन रागढ़ हरिप्रसाद ,प्रधान अनीता, देवी संगीता देवी आबल सिंह रावत ,नरेंद्र राणा जयपाल सिंह चौहान ,बद्री सिंह,शिवसरण पंवार अंकित पंवार, आनंद सिंह, रमेश सोनदाल ,विजेंद्र पवार गोकुल सिंह कृष्णा देवी सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।

Related posts

Uttarakhand सरकार ने शीतकालीन राहत, बेघरों के लिए रात्रि आश्रय व्यवस्था में सुधार के लिए 1.35 करोड़ रुपये आवंटित किए।

khabargangakinareki

ब्रेकिंग:-ब्रह्मखाल में कल्याण शिविर का आयोजन, शिविर में पहुंचे क्षेत्रीय लोगों ने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लिया लाभ।

khabargangakinareki

उत्तराखंड टनल हादसा: मजदूरों के चेहरे पर दिखी खुशी, सुरंग में पहुंचा 10 दिन बार कैमरा

khabargangakinareki

Leave a Comment