सामान्य रोगों की शुरूआत में न लें एंटीबायोटिक दवा
नुक्कड़ नाटकों से दिया जन सामान्य को संदेश
एम्स में मनाया जा रहा विश्व एंटीमाइक्रोबियल जागरुकता सप्ताह।
विश्व एंटीमाइक्रोबियल जागरुकता सप्ताह के अंतर्गत एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में अस्पताल परिसर के साथ साथ ऋषिकेश क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में जन जागरूकता से संबन्धित कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्या श्री ने कहा कि इन कार्यक्रमों का उद्देश्य ए.एम.आर के प्रति जनसामान्य में जागरुकता फैलाना और अस्पतालों में इसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करना है। कार्यक्रम में बताया गया कि सर्दी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारियों की शुरूआत में एंटीबायोटिक दवाएं लेना कतई भी उचित नहीं है।
वल्र्ड ए.एम.आर अवेयरनेस सप्ताह वाॅव 2025 के दूसरे दिन एम्स ऋषिकेश द्वारा ओपीडी ब्लाॅकों के विभिन्न स्थानों पर नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से रोगी और उनके तीमारदारों को जागरूक किया गया। संस्थान के नर्सिंग अधिकारियों की टीम ने इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर संक्रमण नियंत्रण के बारे में विभिन्न लाभकारी जानकारियां दीं। नर्सिंग टीम ने आम लोगों सहित अस्पताल के हेल्थ केयर वर्करों को हाथों की स्वच्छता बनाए रखने, संक्रमण नियंत्रण के उपाय और बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (चिकित्सा कचरा प्रबंधन) पर लोगों को जागरूक किया। नुक्क्ड़ नाटक के दौरान ओपीडी एरिया में मौजूद रोगियों और उनके तीमारदारों ने सवाल-जबावों के माध्यम से इस मामले में विभिन्न जानकारियां प्राप्त कीं। कार्यक्रम के दौरान हेल्थ केयर वर्करों ने एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (ए.एम.आर) और इसके निवारण पर विस्तृत प्रकाश डाला। बताया गया कि बिना सामूहिक प्रसास के इस चुनौती से नहीं निपटा जा सकता है। कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्या श्री, मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर व आयोजन सचिव डॉ. प्रसन्न कुमार पंडा, सह सचिव डाॅ. वान्या सिंह, डाॅ. भूपेन्द्र सिंह, सीएनओ अनिता रानी कंसल, नर्सिंग फेकल्टी डॉ. मनीष शर्मा, डीएनएस कमलेश जी, वन्दना सहित कई डीएनएस, एएनएस आदि मौजूद रहे।
उधर एम्स की ओर से रायवाला स्थित सत्येश्वरी देवी पब्लिक स्कूल में मेडिकल छात्रों द्वारा नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया गया। टीम में स्कूली विद्यार्थियों को एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (ए.एम.आर) के बारे में जानकारी दी और नाट्य प्रस्तुति के माध्यम समझाया कि किस प्रकार बिना जरूरत के भी एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल ए.एम.आर को बढ़ावा देता है।
टीम में सीएफएम विभाग की डॉ रंजीता, मेडिसिन विभाग के डाॅ0 प्रकाश, ए.एन.एस प्रकाश मीणा और मेडिकल के कई छात्र शामिल रहे। बुद्धवार को ही एक आइसब्रेकिंग सत्र भी आयोजित किया गया।
इस दौरान आयोजन टीम ने अस्पताल परिसर में स्थित 15 अलग-अलग विभागों का निरीक्षण कर उनमें संक्रमण की दृष्टि से विभिन्न व्यवस्थाओं का आंकलन किया। आंकलन का उद्देश्य अस्पताल में आईएएस (इंटीग्रेटेड एन्टीमाईक्रोबाईल स्टेवर्डशिप) से संबंधित सर्वोत्तम व्यवस्थाओं का पालन सुनिश्चित करना है।
