Khabar Ganga Kinare Ki
Breaking Newsआकस्मिक समाचारउत्तराखंडटिहरी गढ़वालदिन की कहानीराजनीतिकराष्ट्रीयविशेष कवरस्टोरी

वन अग्नि सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत जिलाधिकारी टिहरी ने की ‘मॉडल गांव‘ द्वारा घर-घर जागरूकता अभियान‘ की शुरूआत।

वन अग्नि सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत जिलाधिकारी टिहरी ने की ‘मॉडल गांव‘ द्वारा घर-घर जागरूकता अभियान‘ की शुरूआत।‘‘

बुधवार को खेल विभाग के बहुउद्देशीय हॉल निकट विकास भवन में द हंस फाउंडेशन एवं टिहरी वन प्रभाग के तत्वाधान में वन अग्नि शमन एवं रोकथाम परियोजना के अन्तर्गत व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस दौरान जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने ‘मॉडल गांव‘ द्वारा घर-घर जागरूकता अभियान‘ की शुरूआत की गई।

कार्यक्रम में अच्छा कार्य करने वाली वन पंचायतों को पुरस्कृत किया गया तथा प्रशिक्षित स्वंय सेविकाओं को अग्नि सुरक्षा हेतु द हंस फाउंडेशन एवं जिला प्रशासन की ओर से कम्बल, हेलमेट, शूज, कपड़े, लाइट आदि अन्य उपकरण वितरित किये गये।

इस मौके पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने प्रशिक्षित स्वंय सेविकाओं से कहा कि वनाग्नि का एक मुख्य कारण कृषि भूमि में खेतों की सफाई से उत्पन्न मलवा/ढेर (ऑड़ा) तथा वन क्षेत्र के निकट असुरक्षित ढंग से कूड़े को जलाये जाने एवं विभिन्न मार्गाे पर धूम्रपान सामग्री/अन्य ज्वलनशील सामग्री का अनुचित निस्तारण/लापरवाहीपूर्वक सड़क/वन क्षेत्र में फेंका जाना है।
वहीं उन्होंने कहा कि सबसे पहले आग से स्वयं एवं अपने परिवार को सुरक्षित करें, फिर वन विभाग की कार्य प्रणाली के अनुसार आगे बढ़े।
वहीँ वनाग्नि की घटनाएं घटित न हो, इसके लिए आग लगने पर तत्काल आपसी सहयोग से आग को बूझायें तथा एप और वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से विभाग को सूचित करें, जल संरक्षण के कार्य करें, जन-जागरूकता के साथ ही लोगों को अपने साथ जोड़े, नई पीढ़ी को भी प्रोत्साहित करें, ताकि वन सम्पदा/वन्य जीव, पशुचारा, पानी स्रोत एवं पर्यावरण को बचाया जा सके।

उन्होंने द हंस फाउंडेशन को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि फाउंडेशन निःस्वार्थ भाव से सामाजिक कार्याें से जुड़ा हुआ है।

डीएफओ वन प्रभाग टिहरी पुनीत तोमर ने वनाग्नि सीजन के दौरान या बाद मंे जंगलों में आग न फैले इसके स्वंय सेविकाएं प्रशिक्षित की गई हैं, जिन्हें फॉरेस्ट फायर एप तथा वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोड़ा जायेगा।
वहीं उन्होंने बताया कि ‘मॉडल गांव‘ द्वारा घर-घर जागरूकता अभियान‘ के तहत प्रशिक्षित स्वंय सेविकाएं स्थानीय समुदायों को वनाग्नि के खतरों, रोकथाम के उपायों और सतर्कता बनाए रखने के महत्व के बारे में जागरूक करेंगी।

इसके लिए जाखणीधार एवं प्रतापनगर के 11 गांवों को मॉडल गांवों के रूप में चिन्ह्ति किया गया है।

इस मौके पर द हंस फाउंडेशन से प्रोजेक्ट मैनेजर नागेन्द्र तंगवाल, सीडीएस दिव्या बिजल्वाण, ब्लॉक कोर्डिनेटर जाखणीधार अरूणीमा एवं प्रतापनगर मुकेश कुमार, एसडीओ वन प्रभाग टिहरी रश्मि ध्यानी, वन क्षेत्राधिकारी आशीष डिमरी, सहित स्वंय सेविकाएं एवं अन्य मौजूद रहे।

Related posts

टनल ऑपरेशन की सफलता का ऐसे मनाया जश्न, अर्नोल्ड डिक्स ने SDRF जवानों के साथ गढ़वाली गाने पर किया डांस

khabargangakinareki

Uttarkashi: Chardham ऑल वेदर रोड परियोजना को झटका लगा है क्योंकि भूस्खलन के कारण Silkyara सुरंग का निर्माण कार्य

khabargangakinareki

ब्रेकिंग:-भीमताल ढुगशिल की पहाड़ी हर साल धीरे-धीरे भूस्खलन की चपेट में, जल विज्ञान संस्थान एवं भूगर्भीय संस्थान टीम से समाज सेवी बृजवासी ने की इस पहाड़ी का अध्ययन कराने की मांग ।

khabargangakinareki

Leave a Comment