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एम्स ऋषिकेश में यूकेसीएसआई का द्वितीय वार्षिक सम्मेलन शुरू – हृदय रोगों के नवीनतम इलाज पर हो रहा मंथन।

– हार्ट रोगियों के लिए लाभदायक है ’लेफ्ट बंडल ब्रांच पेसिंग’ तकनीक
– एम्स ऋषिकेश में यूकेसीएसआई का द्वितीय वार्षिक सम्मेलन शुरू
– हृदय रोगों के नवीनतम इलाज पर हो रहा मंथन

एम्स ऋषिकेश में इन दिनों देश भर के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और मेडिकल काॅलेजों के काॅर्डियोलाॅजिस्ट गंभीर किस्म के हृदय रोगों के इलाज की नयी तकनीकों से रूबरू हो रहे हैं। मौका है कार्डियोलाॅजिस्ट सोसाईटी ऑफ इन्डिया के तीन दिवसीय सम्मेलन का। सम्मेलन के पहले दिन विशेषज्ञों द्वारा ’लेफ्ट बन्डल ब्रांच पेसिंग’ तकनीक पर पर व्यापक चर्चा की गयी। कहा गया कि हृदय रोग में पेस मेकर लगाने की यह तकनीक इलाज में बहुत ही लाभकारी है।

कार्डियोलाॅजिस्ट सोसाईटी ऑफ इन्डिया, उत्तराखण्ड चैप्टर (यू.के.सी.एस.आई.) का तीन दिवसीय सम्मेलन एम्स ऋषिकेश में शुक्रवार को शुरू हो गया।

सोसाईटी के इस द्वितीय वार्षिक सम्मेलन में देश भर के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और मेडिकल काॅलेजों के कार्डियोलाॅजिस्ट अगले तीन दिनों तक प्रिएन्टिव कार्डियोलाॅजी, इंटरवेंशनल कार्डियोलाॅजी और एडवांस इन कार्डियोलाॅजी सहित हृदय रोग से संबन्धित विभिन्न रोगों, इलाज की नवीनतम तकनीकोें और आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अनुभव हासिल कर व्यापक मंथन करेंगे।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह के मार्गदर्शन और डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी के सुवरविजन में आयोजित इस सम्मेलन के प्रथम दिवस के विभिन्न कार्यक्रमों को मुख्य अतिथि पीजीआई चण्डीगढ़ के पूर्व निदेशक और पीएसआरआई अस्पताल दिल्ली के कार्डियक साईंसेज के चेयरमैन प्रो. के.के. तलवार, सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष डाॅ. अमर पाल सिंह गुल्हाटी, सह आयोजन अध्यक्ष प्रो. भानु दुग्गल, आयोजन सचिव डाॅ. बरूण कुमार, कन्वेनर डाॅ. प्रीति शर्मा सहित अन्य ने भी संबोधित किया।

पहले दिन का सम्मेलन हृदय रोग में इलाज की दृष्टि से विशेष लाभदायक तकनीक ’लेफ्ट बन्डल ब्रांच पेसिंग’ को बढ़ावा देने में फोकस रहा।

इस बारे में एम्स ऋषिकेश के कार्डियोलाॅजिस्ट और कार्यक्रम के आयोजन सचिव डाॅ. बरूण कुमार ने बताया कि पेस मेकर की आवश्यकता वाले रोगियों के इलाज में यह तकनीक बहुत लाभकारी है।

उन्हेांने बताया कि इस तकनीक से हृदय में पेस मेकर लगाने से हार्ट कमजोर होने की संभावना 10 से 15 प्रतिशत तक कम हो जाती है और यह तकनीक रोगी के लिए सुविधाजनक भी है। मेडिकल के छात्रों को यह तकनीक समझाने के लिए सम्मेलन में लाईव वर्कशाॅप का आयोजन भी किया गया।

जिसमें कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ. सोमुंगा सुन्दरम, डाॅ. आई.बी विजयलक्ष्मी तथा अन्य विशेषज्ञ चिकित्कों द्वारा पेस मेकर लगाने का बारीकी से प्रशिक्षण दिया गया।

इस दौरान कार्डियोलाॅजिकल सोसाईटी ऑफ इन्डिया, उत्तराखण्ड चैप्टर के पदाधिकारियों सहित डाॅ. अमर उपाध्याय, डाॅ. राज प्रताप सिंह, डाॅ. प्रकाश पन्त, डाॅ. गगन जैन, डाॅ. शमशाद आलम, डाॅ. हिमांशु राणा, डाॅ. सतीश कुमार, डाॅ. तनुज भाटिया, डाॅ. सुवेन कुमार सहित विभिन्न कार्डियोलाॅजिस्ट व मेडिकल के छात्र मौजूद रहे।

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