रिपोर्ट:- Subhash badoni , उतरकाशी
*सड़क मार्ग से वंचित उतरकाशी जनपद केे हलना गांव के ग्रामीणों ने जहाँ एक तरफ चुनाव बहिष्कार की घोषणा की वहीं यमुनोत्री विधायक केदार सिंह के खिलाफ भी लगाए मुर्दाबाद के नारे।
उतरकाशी जनपद केे हलना गांव के ग्रामीण आज भी अपनी मूलभूत सड़क सुविधा से वंचित हैं ।
गामीणों का बड़ा आरोप है कि सन् 2006 में 6 किमी० कुथनौर-हलना मोटर मार्ग की स्वीकृति मिली तथा सन् 2014 में निविदा प्रक्रिया भी पूर्ण हुई , लेकिन सात साल बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण का कटिंग कार्य मुश्किल से 2 किलोमीटर भी पूर्ण नहीं हुआ।
उनका कहना है कि सम्बंधित विभाग के निकम्मे अधिकारियों की वजह से शेष बचा 4 किमी० सड़क कटिंग कार्य भी बंद कर दिया गया।
उनका आरोप है कि बंद पड़े सड़क निर्माण कार्य का कारण जानने के लिए ग्रामीणों ने कई बार
पत्राचार भी किए लेकिन किसी भी सक्षम अधिकारी ने जवाब देना उचित नहीं समझा।
बंद पड़े सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण करवाने के लिए कई बार यमुनोत्री के यशस्वी,तेजस्वी व बिकास पुरुष कहे जाने वाले विधायक केदार सिंह रावत को भी अवगत कराया लेकिन विधायक जी के कानों में जूं तक नहीं रेंगी यह भी एक बड़ा आरोप है।
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि उनके द्वारा बंद पड़े सड़क मार्ग को पूर्ण करवाने की गुहार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी लगाई गयी , लेकिन धामी सरकार ने भी बंद पड़े सड़क निर्माण कार्य को और भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने *”सड़क नहीं तो बोट नहीं“* की ठान ली और विधानसभा चुनाव 2022 का बहिष्कार करने का पत्र एसडीएम बड़कोट को सौंपा साथ ही अपना आक्रोश प्रदर्शित करते हुए तथा उत्तराखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए साथ ही यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत के खिलाफ भी मुर्दाबाद के नारे लगाए।
इस आक्रोश प्रदर्शन करने वालो में राजेश कुमार ग्राम प्रधान हलना तथा महिला ग्रामवासी श्रीमती गोकुली देवी,कुजी देवी, ललिता देवी, रामप्यारी देवी, हेमलता देवी,वसंती देवी, विनीता, सरोज, कौशल्या देवी,सुल्तानी देवी तथा सावित्री देवी आदि मौजूद थे।