केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने अधिकारियों से ली बरसात के सम्बंध में जानकारी।
रिपोर्ट । ललित जोशी।
नैनीताल। केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सचिव आपदा प्रबंधन तथा नैनीताल और उधम सिंह नगर जिला अधिकारी से दूरभाष पर बारिश के नुकसान को लेकर वार्ता की साथ ही बीते चार दिनों में भारी बारिश के कारण काश्तकारों की फसलों के हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए।
केंद्रीय मंत्री श्री भट्ट ने आपदा प्रबंधन सविन बंसल से दूरभाष पर वार्ता कर पिछले चार दिनों में बरसात से हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली ।
श्री भट्ट को सचिव आपदा प्रबंधन सविन बंसल ने बताया कि बरसात के मौसम में आपदा से निपटने के लिए इस बार एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की पर्याप्त टीमें लगाई गई है इसके साथ ही 3 नेशनल हाईवे और 3 स्टेट हाईवे और 10 जिला मार्ग इस बरसात से प्रभावित हुए हैं साथ ही कैलाश मानसरोवर मार्ग भी अवरुद्ध है जिसे खुलवाने का कार्य किया जा रहा है इसके अलावा खाद्यान्न रसद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
जिसके पश्चात पिछले 3 दिनों में नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले में हो रही मूसलाधार बरसात से हुए नुकसान के बारे में दोनों जिला अधिकारियों से बात की उन्होंने जिलाधिकारियों से तत्काल बंद सड़कों को खुलवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, एनएच, लोक निर्माण विभाग की सड़कों की जानकारी ली जिस पर नैनीताल जिले में जिला अधिकारी ने बताया कि जिले में जिला मार्ग राजमार्ग और ग्रामीण मार्ग मिलाकर 65 मार्ग अवरुद्ध है जिन को तत्काल खुलवाए जाने का कार्य प्रारंभ हो गया है।
उधम सिंह नगर के जिलाधिकारी युगल किशोर पंत से दूरभाष पर वार्ता करते हुए निर्देश दिए की तत्काल बारिश से हुए किसानों की फसलों के नुकसान का सर्वे कराया जाए।
उन्होंने कहा कि लेखपाल स्तर पर ग्रामीण इलाकों में किसानों की फसलों के नुकसान का सर्वे होना चाहिए।
इसी प्रकार श्री भट्ट ने नैनीताल जिलाअधिकारी धीराज सिंह से दूरभाष पर जिले में टूटी हुई सड़कों के हालात के बारे में जाना और तत्काल उन्हें सुचारू करने के निर्देश दिए।
साथ ही पहाड़ी इलाके में कृषि और बागवानी तथा मैदानी इलाकों में में काश्तकारों की फसलों के नुकसान के तत्काल सर्वे करने के निर्देश दिए।
श्री भट्ट ने कहा है कि इस बरसात ने काश्तकारों को भारी नुकसान पहुंचाया है, लिहाजा सरकारी तंत्र के स्तर पर तत्काल नुकसान के आकलन कर सर्वे रिपोर्ट तैयार होनी चाहिए। जिससे कि समय रहते किसानों को मुआवजा दिया जा सके।