प्रदेश में इगास बग्वाल पर्व के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा।
सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के बाद शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
आपको बताते चले कि दिवाली के 11 दिन बाद पहाड़ में एक ओर दिवाली मनाई जाती है, जिसे इगास कहा जाता है। इस दिन सुबह मीठे पकवान बनाए जाते हैं और शाम को भैलो जलाकर देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। पूजा-अर्चना के बाद ढोल-दमाऊं की थाप पर भैलो (भीमल या चीड़ की लकड़ी का गट्ठर) जलाकर घुमाया जाता है और नृत्य किया जाता है। मान्यता है कि भगवान राम के लकां विजय कर अयोध्या पहुंचने की सूचना पहाड़ में 11 दिन बाद मिली थी। इसीलिए दिवाली के 11 दिन बाद इगास (बूढ़ी दिवाली) मनाया जाता है।
सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन द्वारा जारी आदेश के अनुसार शुक्रवार चार नवंबर को इगास बग्वाल पर्व पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा। यह अवकाश सभी शासकीय व अशासकीय कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों व कार्यालयों के साथ ही बैंक, कोषागार व उपकोषागार में भी रहेगा।
आपको बताते चले कि उत्तराखंड में चार नंवबर को सार्वजनिक अवकाश रहेगा।
बताया जा रहा है कि राज्य में ईगास पर्व की छुट्टी के अवकाश के आदेश जारी हो गए है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जारी आदेश में लिखा है कि उत्तराखण्ड राज्य के अधीन प्रदेश के समस्त शासकीय / अशासकीय कार्यालयों/ शैक्षणिक शासकीय / अशासकीय कार्यालयों/ शैक्षणिक संस्थानो / प्रतिष्ठानों में इगास बग्वाल हेतु दिनांक 04-11-2022 (शुक्रवार) को सार्वजनिक अवकाश घोषित किये जाने की सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
वही आपको बताते चले कि इससे पूर्व सीएम धामी ने ईगास के अवकाश का ऐलान करते हुए कहा था कि ईगास बग्वाल उत्तराखण्ड वासियों के लिए एक विशेष स्थान रखती है।
यह हमारी लोक संस्कृति का प्रतीक है वही सब का प्रयास होना चाहिए कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और परंपरा को जीवित रखें। नई पीढ़ी हमारी लोक संस्कृति और पारम्परिक त्योहारों से जुड़ी रहे, ये हमारा उद्देश्य है।