Uttarkashi: बुधवार को tunnel के अंदर फंसे 41 मजदूरों ने न केवल अपने दांत साफ किए बल्कि अपने कपड़े भी बदले। श्रमिकों को आवश्यक खाद्य पदार्थों के साथ-साथ कपड़े और दवाएं भी भेजी गईं। NHIDCL के प्रबंध निदेशक Mahmood Ahmed ने कहा कि चार और छह इंच लाइफ पाइप के माध्यम से श्रमिकों को लगातार खाद्य पदार्थ भेजे जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बुधवार को उन्हें रोटी, सब्जियां, खीचड़ी, दलिया, संतरे और केले भेजे गए थे। T-shirts, undergarments, toothpaste और brushes के साथ उन्हें soap भी भेजा जाता था। मजदूरों ने कपड़े बदले, हाथ धोए और खाना खाया। उन्होंने बताया कि सभी मजदूरों को telescopic cameras की मदद से देखा गया है।
अब camera से बात करने की भी व्यवस्था की गई है
अब तक सुरंग के अंदर श्रमिकों की उपस्थिति केवल टेलीस्कोपिक कैमरों के माध्यम से देखी जा रही थी, लेकिन बुधवार को दिन के दौरान SDRF और NDRF की टीम ने यहां एक ऑडियो सिस्टम भी तैयार किया।
इसके लिए सुरंग के अंदर छह इंच के पाइप के माध्यम से माइक्रोफोन और स्पीकर भेजे गए थे। सभी से बात करने के बाद डॉक्टरों ने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की।
सचिव Dr. Neeraj Khairwal ने बताया कि दो मजदूरों ने सुबह पेट दर्द की शिकायत की थी क्योंकि वे लंबे समय से बिना भोजन के थे।
केवल सूखे मेवे आदि खा रहा था। पाइप के माध्यम से तुरंत उन्हें दवाएं भेजी गईं, जिसके बाद कोई शिकायत नहीं मिली।
उत्तरकाशी के Silkyara में 11 दिनों तक सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए बुधवार देर रात पाइप उनके पास पहुंच गई।