Khabar Ganga Kinare Ki
Breaking Newsआकस्मिक समाचारउत्तराखंडटिहरी गढ़वालदिन की कहानीविशेष कवरस्वास्थ्य

19 जून 2024 को सिकल सेल एनीमिया जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जनपद के इन केन्द्रों में सिकल सेल के सम्बन्ध में लोगों को किया जाएगा जागरूक।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिनांक 19 जून 2024 को सिकल सेल एनीमिया जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जनपद के समस्त सा० स्वा० केन्द्रों, प्रा०स्वा० केन्द्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सिकल सेल के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किया जाना है।

जनपद टिहरी के विकासखण्ड नरेन्द्रनगर में जनजातीय समुदाय के जन्म से लेकर 40 वर्ष तक के 291 लाभार्थियों की सिकल सेल जांच की जा चुकी है। जोकि लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत है।

जागरूकता अभियान का शुभारम्भ 19 जून 2024 को जिला चिकित्सालय में किया जायेगा। जिसके उपरान्त सम्बन्धित क्षेत्र की आशा कार्यकत्री, ए.एन.एम., सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, स्कूल हेल्थ टीम, किशोर स्वास्थ्य काउंसलर द्वारा जनजागरूकता अभियान चलाया जायेगा।

क्या है सिकल सिकल सेल एनीमिया

सिकल सेल एनीमिया रक्त से संबंधित एक अनुवांशिक रोग है। इस रोग में रक्त में उपस्थित लाल रक्त कोशिकाओं का आकार विकृत होकर हसिये के समान हो जाता है तथा अंततः ये कोशिकाएं कमजोर होकर टूट जाती हैं। जिसके कारण एनीमिया तथा अन्य जटिलताएं जैसे कि वेसो ओक्लुसिव क्राइसिस, फेफड़ों में संक्रमण, एनीमिया, गुर्दे और यकृत की विफलता, स्ट्रोक आदि के कारण रूग्णता और मृत्यु की सम्भावना होती है।

सिकल सिकल रोगी

सिकल सेल के रोगी दो प्रकार के होते है. सिकल सेल वाहक (लक्षण रहित / मंद लक्षण) एवं सिकल सेल रोगी (गंभीर लक्षण)। प्रथम प्रकार अर्थात्त सिकल सेल वाहक व्यक्ति रोग के वाहक के रूप में काम करते हैं अर्थात उनमे सिकल सेल के रोग के लक्षण स्थायी न होकर कभी कभी दिखाई देते है। फिर भी ये व्यक्ति अपने बच्चों को वंशानुगत यह रोग दे सकते हैं। दूसरे प्रकार के सिकल रोगी वह व्यक्ति होते है जिनमें रोग के लक्ष्ण स्थायी रूप से रहते हैं, जिससे उनके शरीर का विकास रुक जाता है। ये लोग निश्चित ही अपने बच्चों को वंशानुगत यह रोग देते हैं। सिकल सेल की पहचान विशेष रक्त जांच से ही की जा सकती है।

सिकल सेल रोग वाले मरीज के लक्षण क्या हैं?

जोड़ों में सूजन या दर्द होना, पित्ताशय की पथरी, बार बार बुखार या जुकाम होना तिल्ली का बढ़ जाना, लीवर पर सूजन आना, बच्चों का विकास न होना, रोग प्रतिरोधक शक्ति घटने से दूसरी बीमारियों का आसानी से होना आदि. इस बीमारी के लक्षण है। यदि रोग का निदान न किया जाये तो जरुरी उपचार न मिलने से बचपन में ही बच्चे की मृत्यु हो सकती है।

Related posts

जनता मिलन कार्यक्रम में सोमवार को हुए इतने शिकायतें/अनुरोध पत्र दर्ज।जाने क्या कुछ थी शिकायतें।

khabargangakinareki

ब्रेकिंग:-एम्स ऋषिकेश में यूरोडायनामिक्स पर राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न देशभर के यूरोलॉजिस्टों ने किया सम्मेलन में प्रतिभाग।

khabargangakinareki

Kainchi Dham के भक्तों के लिए यातायात समस्याओं को कम करने के लिए bypass निर्माण के लिए ₹12.14 करोड़ स्वीकृत

khabargangakinareki

Leave a Comment