Khabar Ganga Kinare Ki
Breaking Newsआकस्मिक समाचारउत्तराखंडटिहरी गढ़वालदिन की कहानीराजनीतिकराष्ट्रीयविशेष कवरस्टोरी

उषा अपनी हिम्मत और दृढ़ संकल्प के साथ अन्य महिला समूह का बनी सहारा” “प्रशिक्षण देने के साथ रोजगार सृजित करने के लिए महिलाओं को बना रही है सशक्त।

सफलता की कहानी:

“आधुनिक दौर में हथकरघा उद्योग को आगे बढ़ा रही उषा, ग्रामीण महिलाओं को दे रही है रोजगार”

“उषा अपनी हिम्मत और दृढ़ संकल्प के साथ अन्य महिला समूह का बनी सहारा”

“प्रशिक्षण देने के साथ रोजगार सृजित करने के लिए महिलाओं को बना रही है सशक्त”

जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखंड चम्बा की निवासी उषा नकोटी आज के आधुनिक दौर में अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ अन्य ग्रामीण महिलाओं को हथकरघा प्रशिक्षण के साथ रोजगार देकर सशक्त बना रही है।

साथ ही ब्लॉक स्तर पर 25 से 30 महिलाओं को रोजगार से जोड़कर महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल पेश कर रही है। उषा अपने हथकरघा उद्योग में बने अंगोरा शॉल व स्वेटर, पँखी, मफलर, ऊन का कोट, कंबल, स्टॉल,टोपी और पैरो के मौजे जैसे कई उत्पादो का मार्केट और विभिन्न प्रदर्शनियों के माध्यम से बाजार में व्यापार कर रही है।

चंबा की उषा नकोटी ने उद्योग विभाग टिहरी गढ़वाल से सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का प्रशिक्षण लेकर आज एक सशक्त नारी का उदाहरण पेश किया है।

इसके साथ ही 25 से 30 महिलाओं को प्रशिक्षण देने के साथ उन्हें रोजगार भी दे रही है। उषा चंबा मार्केट में अंगोरा वस्त्र विक्रय भंडार के नाम से अपनी दुकान का संचालन कर रही है।

उषा नकोटी ने बताया कि वर्ष 2002 से वह इस व्यवसाय से जुड़ी है। उन्होंने उद्योग विभाग की मदद से हथकरघा का प्रशिक्षण लिया और साथ ही कई गांव की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर हथकरघा कारोबार को आगे बढ़ा रही है।

समय के साथ उनके वस्त्रो की डिमांड ज्यादा होने से उन्होंने कई बुनाई की निटिंग मशीने भी खरीदी, जिससे की मार्केट में उनके वस्त्रो के विक्रय में बढ़ोतरी हुई।

उषा ने बताया कि वर्तमान समय में 5 हथकरघा और 3 निटिंग मशीनों से अपने वस्त्र भंडार का संचालन कर रही है।

जिससे वह प्रतिमाह ₹30000 की आय वर्जित कर अपने आप को आर्थिक सशक्त बना रही है। साथ ही अन्य ग्रामीण महिलाओं को ₹300 प्रति दिन के हिसाब से अपने वस्त्र भंडार में रोजगार देकर आत्मनिर्भर की मिसाल भी पेश कर रही है।

गांव की ग्रामीण महिलाएं अपने घरेलू कामकाज के साथ वस्त्र भंडार में काम करके आर्थिक रूप से सशक्त बन रही है।

उषा ने बताया कि वह कुटिल उद्योग कल्याण समिति को भी अध्यक्ष के रूप में संचालित कर रही है और समिति के अंदर 12 स्वयं सहायता समूह जुड़े हुए हैं जो की विभिन्न प्रकार से छोटे-छोटे व्यवसाय से अपने समूह को संचालित कर रहे हैं।

अंगोरा शॉल की है ज्यादा डिमांड:

उषा नकोटी ने बताया कि अंगोरा प्रजाति के खरगोश से बने अंगोरा वस्त्रो की डिमांड मार्किट में कई ज्यादा है।

वहीं उन्होंने सबसे पहले हथकरघा के माध्यम से अंगोरा से बने वस्त्र जैसे शॉल, स्वेटर को ही मार्केट में विक्रय हेतु बनाया था।

उषा ने बताया कि वर्तमान में 200 से अधिक खरगोश का पालन कर रही है। जिससे ऊन उन्हें आसानी से सस्ते दामों में मिल जाती है साथ ही 2000 से 3000 तक अंगूरा ऊन से बने शॉल और स्वेटरों का विक्रय कर आर्थिक मजबूती मिल रही है।

मददगार साबित होती है प्रदर्शनी:

उषा नकोटी ने बताया कि उद्योग विभाग और भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय द्वारा समय समय पर लगाए जा रही प्रदर्शनी उनके वस्त्रो के लिए एक अच्छा मंच प्रदान करती है। जहां हम अपने उत्पाद प्रदर्शनी के माध्यम से भेचते हैं।

उषा ने बताया कि भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय द्वारा उन्हें  भारत के कई राज्यों में जाने का मौका मिला है और साथ ही जिला उद्योग केंद्र, खादी विभाग की ओर से भी प्रदर्शनी लगाई जाती है जिसमें उन्हें आमंत्रित भी किया जाता है।

 

Related posts

Uttarakhand News: राज्य पोषित योजनाओं में कितना budget खर्च, अब आसानी से लगेगा पता

khabargangakinareki

सरस्वती शिशु मंदिर राजीव ग्राम में श्री गंगा सेवा एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति के संयुक्त तत्वाधान में पर्यावरण जन जागरण गंगा संवर्धन चिंतन शिविर का किया गया आयोजन।

khabargangakinareki

कार्यवाही:- यहां हो रहा था अवैध रूप से घरेलू गैस सिलेंडरों की रिफिलिंग ,फिर हुआ ये।

khabargangakinareki

Leave a Comment