Dehradun: Uttarakhand में ऐसा कोई दिन नहीं बीतता जब चार से पाँच cyber crimes की रिपोर्ट नहीं की जाती। इसके बावजूद, Uttarakhand में वर्ष 2022 में 2021 की तुलना में कम साइबर अपराधों की रिजिस्ट्रेशन हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, cyber crimes ने नए ऊंचाइयों को प्राप्त किया है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के डेटा के अनुसार, वर्ष 2020 में 243 साइबर अपराध की रिपोर्ट आई थी, जो वर्ष 2021 में 718 हो गई, लेकिन cyber crimes की संख्या वर्ष 2022 में 559 तक घटी। जो केवल आश्चर्यजनक ही नहीं, बल्कि कई सवाल उठाता है।
सेक्सटोर्शन के मामले बढ़े
वर्ष 2022 में सबसे अधिक मामले सेक्सटोर्शन (अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल) के माध्यम से आए। इसके माध्यम से cyber criminals ने 354 लोगों को धोखा दिया। इसके अलावा, अन्य तरीकों से 155 व्यक्तियों को धोखा दिया गया। कंप्यूटर के माध्यम से 458 साइबर अपराध किए गए। इसमें धोखाधड़ी, वायरस प्रसार, साइबर और टाइपो स्क्वॉटिंग और कॉपीराइट और IPR उल्लंघन शामिल हैं।
चल रहे मामलों का बोझ बढ़ा
साइबर अपराधों के मामलों की जाँच की धीमी गति police के बोझ को बढ़ा रही है। साइबर पुलिस स्टेशन को किसी मामले को सुलझाने में आधा साल से एक साल तक लगता है। police स्टेशनों को सौंपे गए अधिकांश मामलों की जाँच आगे नहीं बढ़ती है। इसी कारण वर्ष 2022 में केवल 559 साइबर अपराध मामले दर्ज हुए, जबकि पेंडिंग मामलों की संख्या 735 बढ़ गई।
राज्य में cyber crime
वर्ष- 2020, 2021, 2022 मामले- 243, 718, 559
वर्ष 2022 का चित्र – 161 महिलाएं cyber crimes के पीड़ित हुईं, 21 मामले साइबर अश्लील वीडियो बनाने के, 8 मामले फेक प्रोफाइल बनाकर धोखाधड़ी के, 458 कंप्यूटर के माध्यम से किए गए अपराधों के, 355 cyber criminal गिरफ्तार किए गए, गिरफ्तार किए गए अपराधियों में 1 महिला भी शामिल है।
मामलों का चित्र – 497 मामले सुलझा दिए गए हैं, 397 मामलों में अदालत में चल रही है याचिका, 2022 में 121 मामले अदालत में भेजे गए हैं, 735 मामले police स्तर पर पेंडिंग हैं।
SSP STF ने यह कहा
Police cyber crime के संबंध में सख्त है। इस प्रकार के मामले में तत्काल मामला दर्ज किया जाता है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। Police ने पश्चिम Bengal, Jharkhand और अन्य राज्यों से कई cyber criminal गिरफ्तार किए हैं।