चारधाम यात्रा को शुरू हुए 6 दिन हो चुके हैं। केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट 10 मई को खुल गए थे। बद्रीनाथ धाम के कपाट 2 दिन बाद 12 मई को खुले, लेकिन इस बार चारधाम यात्रा परेशानी का सबब बनी हुई है। 6 दिन में 2.76 लाख श्रद्धालु चारों धाम के दर्शन कर चुके हैं। 26 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। लाखों लोग चारधाम के रास्ते में हैं। उत्तराखंड का मौसम लगातार खराब बना हुआ है। मौसम विभाग ने बारिश का यलो अलर्ट दिया है।
वहीं श्रद्धालु सड़कों पर जाम में फंसे हैं, जिन्हें संभालने के लिए पुलिस जवानों की संख्या कम पड़ गई है। 6 दिन में 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इस बीच चारधाम यात्रा पर हुए हादसे का एक खौफनाक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। देर शाम बद्रीनाथ हाईवे-7 पर पुरसाड़ी के पास 2 बसों की आपस में भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि 2 यात्री खिड़की से बाहर निकल गए, लेकिन यात्री बाल-बाल बच गए। जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन हादसे का वीडियो सामने आया है।
हेल्थ चेकअप के बाद आगे जाने देने के आदेश
आयुक्त विनय शंकर पांडे के अनुसार, 6 दिन में मारे गए 11 श्रद्धालुओं में से 4 शुगर के मरीज थे। 1.55 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहले ही दिन केदारनाथ, 70,000 से अधिक यमुनोत्री और 63,000 से अधिक गंगोत्री की यात्रा कर चुके हैं। 3 दिन में बद्रीनाथ धाम के दर्शन 45,000 लोग कर चुके हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आदेश जारी करके चार धाम मंदिर परिसर के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल बैन कर दिया है। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद रहेंगे। VIP दर्शनों पर 31 मई तक रोक रहेगी।फर्जी खबरों या वीडियो के जरिए चारधाम यात्रा को बदनाम करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश हैं। अधिकारियों को 50 और उससे अधिक उम्र के तीर्थयात्रियों के हेल्थ चेकअप के बाद ही उन्हें आगे जाने देने के आदेश हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने रास्ते में 44 विशेषज्ञों सहित 184 डॉक्टरों को तैनात किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सचिव, वरिष्ठ IAS अधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम को गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा के प्रबंधन की निगरानी करने का जिम्मा सौंपा है। इसके लिए अधिकारी खुद फील्ड में डटे हैं।